Bihar में फिर जहरीली शराब का कहर: बिहार के सिवान (Siwan) और छपरा (Chhapra) जिलों में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। ताजा जानकारी के अनुसार, जहरीली शराब से अब तक कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें सिवान में 20 और छपरा में 12 लोगों की जान जा चुकी है। इन जिलों में कई लोग अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से कुछ को पटना रेफर किया गया है। इस घटना ने शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब माफियाओं के सक्रिय होने पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सिवान और छपरा में मौत का सिलसिला जारी
सिवान में जहरीली शराब पीने से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 3 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं, जिनमें से एक को पटना (Patna) रेफर किया गया है और दो अन्य का इलाज सिवान के सदर अस्पताल में चल रहा है। उधर, छपरा में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की जान चली गई है और 14 से अधिक लोग सदर अस्पताल में इलाजरत हैं।
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नीतीश कुमार का सख्त निर्देश: दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी
इस भयावह घटना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने उच्च स्तरीय समीक्षा का आदेश दिया है और राज्य के डीजीपी (DGP) को पूरे मामले की सख्त जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। नीतीश कुमार ने अधिकारियों को घटनास्थल का दौरा करने का भी आदेश दिया है। यह पहली बार नहीं है जब बिहार में जहरीली शराब से मौतें हुई हैं। 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 150 से अधिक लोगों की जान इस वजह से जा चुकी है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने स्पष्ट रूप से कहा कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के बावजूद इस तरह की घटनाएं दुःखद हैं, और राज्य सरकार दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
विपक्ष का सरकार पर निशाना, भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का बयान
जहरीली शराब कांड को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर कड़े आरोप लगाए हैं। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) ने इस घटना को बेहद दुःखद बताया और कहा कि सरकार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में शामिल माफियाओं पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अवैध शराब का कारोबार: प्रशासन के लिए चुनौती
हालांकि, बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन राज्य में अवैध शराब का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस घटना ने एक बार फिर इस बात को उजागर कर दिया है कि शराब माफियाओं के खिलाफ उठाए गए कदम पर्याप्त नहीं हैं। प्रशासन द्वारा लगातार छापेमारी और कार्रवाई के बावजूद इस तरह की घटनाएं बिहार के सामाजिक ताने-बाने को हिला रही हैं।
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आगे की कार्रवाई
बिहार पुलिस और प्रशासन ने इन घटनाओं के बाद अवैध शराब के धंधे को खत्म करने के लिए अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। हालांकि, आम जनता में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का खौफ गहरा गया है। सरकार और प्रशासन के लिए अब चुनौती यह है कि वह न सिर्फ इस घटना के दोषियों को सजा दिलाए, बल्कि राज्य में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह से खत्म करे।
निष्कर्ष
बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौतों ने राज्य में शराबबंदी की सख्ती और प्रशासन की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की सख्ती और उच्च स्तरीय जांच के आदेश के बाद अब देखना होगा कि दोषियों पर किस हद तक कार्रवाई होती है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।