सोसायटी के लोगों की एकजुटता दिखाई देनी शुरू हो गई है। खबर नोएडा के सेक्टर 93 A के नजदीक एटीएस विलेज सोसाइटी का है। जिसके स्ट्रक्चरल ऑडिट को हरी झंडी मिल गई है। ट्विन टावर के 50 मीटर दायरे में इस सोसाइटी के चार टावर आ रहे हैं, जिनका ऑडिट किया जाना है। इनमें करीब सवा सौ फ्लैट हैं। एक-दो दिन में ऑडिट पूरा होने की उम्मीद है। रिपोर्ट के आधार पर यहां जरूरी काम किए जाएंगे।
अभी तक सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट परिसर में बन टावरों का ऑडिट हुआ था। इसमें करीब 150 पिलर कमजोर मिले थे। अब इनकी मरम्मत का काम चल रहा है। सुपरटेक बिल्डर 55 पिलर की मरम्मत कराने को तैयार हो गया है। इस पर एमरॉल्ड कोर्ट की एओए ने सहमति जता दी है। वहीं ट्विन टावर के दूसरी ओर दूसरे बिल्डर की एटीएस विलेज सोसाइटी है। देश में सबसे ऊंचे टावर अपने पड़ोस में गिरने से इस सोसाइटी के लोग भी डरे हुए हैं। ऐसे में यहां रहने वाले लोग भी ऑडिट की मांग कई महीनों से कर रहे थे। अब इनकी मांग पूरी हो गई है।
पांच साल पहले कराई मरम्मत फिर भी पिलर कमजोर
ट्विन टावर से करीब 50 मीटर दूरी पर स्थित एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी के अन्य 12 टावरों के पिलर और बीम की मरम्मत पांच साल पहले सुपरटेक बिल्डर ने करवाई थी। अब इस साल मार्च महीने से एओए ने अपने स्तर से एक कंपनी के जरिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया। इसमें पिलरों की स्थिति कमजोर मिली थी। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि ऑडिट में सिर्फ 60-70 प्रतिशत पिलर-बीम ही मजबूत मिले। ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड के अनुसार, सोसाइटी के निर्माण के समय भवन की स्थिति 20 मेगापैस्कल (एमपीए) होनी चहिए थी। जो मौजूदा समय में 25 एमपीए हो गई है।