“बिहार कृषि ऐप” को मिली राष्ट्रीय पहचान
Patna News: नई दिल्ली में आयोजित स्कॉच अवार्ड्स के 102वें संस्करण में कृषि विभाग, बिहार सरकार को प्रतिष्ठित स्कॉच गोल्ड अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान राज्य सरकार द्वारा विकसित अभिनव “बिहार कृषि ऐप” को किसानों की सुविधा, सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र में डिजिटल नवाचार के लिए प्रदान किया गया है।
ये भी पढ़ें: Bihar: CM नीतीश कुमार ने नगर विकास योजनाओं का शिलान्यास-उद्घाटन, नए नगर प्रबंधकों को सौंपे नियुक्ति पत्र

“बिहार कृषि ऐप” राज्य के किसानों के लिए एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जो उन्हें खेती से संबंधित आवश्यक और उपयोगी जानकारियाँ एक ही मंच पर उपलब्ध कराता है। इस ऐप के माध्यम से किसानों को फसल प्रबंधन की आधुनिक तकनीक, सरकारी योजनाओं की ताज़ा जानकारी, बाजार भाव, प्रशिक्षण सामग्री तथा तकनीकी सहयोग जैसी सेवाएँ आसानी से प्राप्त होती हैं। इस पहल ने राज्य के लाखों किसानों को कृषि संबंधी नवीनतम जानकारी और सेवाओं तक सीधे और सरल पहुँच प्रदान की है।
इस अवसर पर प्रधान सचिव, कृषि विभाग पंकज कुमार ने कहा –
“बिहार कृषि ऐप को स्कॉच गोल्ड अवार्ड 2025 से सम्मानित किया जाना बिहार सरकार की किसानों के उत्थान हेतु की गई डिजिटल पहल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह ऐप किसानों को योजनाओं की जानकारी, फसल प्रबंधन और तकनीकी मार्गदर्शन जैसी अनेक सेवाएँ उपलब्ध कराता है। इस सम्मान से विभाग के प्रयासों को नई पहचान मिली है और हमें आगे भी किसानों को अधिक सरल, सुलभ और प्रभावी डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराने की प्रेरणा मिलेगी। बिहार सरकार किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है।”
ये भी पढ़ें: Patna: CM नीतीश कुमार ने जेपी गंगा पथ विस्तारीकरण सहित कई योजनाओं का किया शिलान्यास
“बिहार कृषि ऐप” के माध्यम से किसानों को न केवल समय पर जानकारी मिल रही है, बल्कि उनकी उपज की गुणवत्ता बढ़ाने, लागत घटाने और उत्पादन में सुधार लाने में भी मदद मिल रही है। साथ ही, यह डिजिटल पहल किसानों को बाज़ार व्यवस्था से सीधे जोड़कर उन्हें उचित मूल्य प्राप्त करने में भी सहायक सिद्ध हो रही है। यह सम्मान बिहार सरकार की कृषि क्षेत्र में डिजिटल नवाचार और किसान-केंद्रित नीतियों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। “बिहार कृषि ऐप” जैसी पहलें राज्य को आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में अग्रसर कर रही हैं और किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

