Patna

Patna: जिले में हिट एंड रन मामले में 427 पीड़ितों को मिला मुआवजा

बिहार राजनीति
Spread the love

414 मृतक के आश्रितों को आठ करोड़ 28 लाख रुपये

15 घायल व्यक्ति को सात लाख 50 हजार रुपये का भुगतान

Patna News: पटना जिले में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को “हिट एंड रन योजना” के तहत मुआवजा देने का प्रावधान है। 2022 में यह योजना शुरू की गई थी। राजधानी पटना इसमें अग्रणी है। पटना जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से मिली जानकारी के अनुसार, 1 जनवरी 2022 से 4 जून 2025 के बीच जिले में चार हजार 102 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं हैं।

ये भी पढ़ें: Bullet Train: 4 घंटे में दिल्ली से बिहार, बुलेट ट्रेन को लेकर बड़ी खुशखबरी पढ़िए

इनमें दो हजार 223 मामले हिट एंड रन के और एक हजार 879 मामले नॉन हिट एंड रन के शामिल हैं। हिट एंड रन के तहत बीते तीन वर्ष में कुल 631 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 414 मृतकों के आश्रितों को आठ करोड़ 28 लाख रुपये और 15 गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सात लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया जा चुका है। हिट एंड रन मामले में मृतक के आश्रित को दो लाख रुपये और घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपये अधिकतम देने का प्रावधान है।

जागरूकता और अपील: पटना डीटीओ

पटना डीटीओ उपेंद्र कुमार पाल ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोगों से जागरूक और जानकार रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में कई बार मृतक या घायल व्यक्ति को टक्कर मारने वाली गाड़ी का कोई पता ही नहीं चलता है। इस दिशा में यह योजना पीड़ितों या उनके परिवारों के लिए राहत बन रही है।

डीटीओ ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 के बाद हुई सड़क दुर्घटनाओं के आश्रित को मुआवजे के लिए परिवहन विभाग में आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया को बिलकुल सरल रखा गया है, ताकि पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके। यह योजना सड़क सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रही है। परिवहन विभाग के अनुसार, यदि सड़क दुर्घटना में दोषी गाड़ी या चालक की पहचान नहीं होती है, तो ऐसे मामलों में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (मैक्ट) में आवेदन दाखिल करना होता है।

ये भी पढ़ें: Bihar News: “मेगा जॉब फेयर–2025” के तीसरे दिन भी उमड़ा युवाओं का सैलाब

हिट एंड रन मामले में आवेदन करने की प्रक्रिया

• परिवहन विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करें।
• डीटीओ कार्यालय में आवेदन जमा करें।
• आवेदन में पारिवारिक सूची (वैवाहिक दंपत्ति के मामले में लागू नहीं) को शामिल करना होगा।
• दुर्घटना की प्राथमिकी(एफआईआर) और मृतक का पोस्टमार्टम रिपोर्ट
• मृतक के प्रमाण पत्र की छायाप्रति
• मृतक और आश्रित का आधार कार्ड
• बैंक पासबुक की छायाप्रति