Paris Paralympics में भारत का खाता गोल्ड मेडल के साथ खुला है।
Paris Paralympics 2024: पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का खाता गोल्ड मेडल (Gold Medal) के साथ खुला है। महिला शूटर अवनि लेखरा (Avni Lekhara) ने 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएस1 में भारत के लिए गोल्ड मेडल पर कब्जा किया। इसी इवेंट में भारत की शूटर मोना अग्रवाल (Mona Agarwal) ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। एक ही इवेंट में 2 मेडल जीतकर भारत के पैरा एथलीट ने पेरिस पैरालंपिक (Paris Paralympic) में शानदार आगाज किया है।
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आपको बता दें कि अवनि लेखरा (Avni Lekhara) का यह पैरालंपिक में दूसरा गोल्ड मेडल हैं। उन्होंने टोक्यो गेम्स में भी इसी इवेंट में गोल्ड जीता था। इसके अलावा तोक्यो में उन्होंने 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन एसएच1 में भी ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। अभी उनकी उम्र मात्र 22 साल ही है। अवनि पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला हैं। वह पैरालंपिक में अब दो गोल्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला बन गई हैं। पुरुषों में देवेंद्र झाझड़िया ने दो गोल्ड जीते हैं। उन्होंने 2004 और 2016 ओलंपिक में यह कारनामा किया था।
पैरालंपिक रिकॉर्ड भी बनाया
अवनि लेखरा (Avni Lekhara) ने जीत के साथ ही पैरालंपिक रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने कुल 249.7 पॉइंट हासिल किए। उन्होंने 24 राउंड शूटिंग की और सिर्फ एक बार ही 10 से कम पॉइंट मिला। साउथ कोरिया की ली यूंरी का अंतिम शॉट सिर्फ 6.8 का रहा। ऐसे में उन्हें सिल्वर मिला। 36 साल की मोना अग्रवाल ने 228.7 पॉइंट हासिल किए। उन्होंने 2021 के दिसंबर में ही शूटिंग करना शुरू किया था और अब पैरालंपिक मेडल अपने नाम कर लिया।
शूटिंग के एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज शामिल होते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है। चीन की भी दो शूटर ने फाइनल में जगह बनाई थी। एक शूटर 7वें तो दूसरे 8वें नंबर पर रही।
बता दें, अवनी लेखरा (Avni Lekhara) जयपुर की रहने वाली हैं और स्टार पैरा शूटर हैं। अवनी पहली बार उस समय सुर्खियों में आई थी जब तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में एसएच1 कैटेगिरी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने का बड़ा कारनामा किया था। उनके नाम एक ही पैरालंपिक में दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड है।
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टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympic) में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था जबकि 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। पेरिस में अब मेडल जीतने के साथ ही अब वह लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा एथलीट बन गईं हैं।
अभिनव बिंद्रा से ली प्रेरणा
12 साल पहले अवनी का एक भयंकर कार एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी। इस चोट के चलते उनके शरीर के निचले हिस्से में पैरालिसिस हो गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा से प्रेरणा लेकर उन्होंने शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू की और अब लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है। कार दुर्घटना में शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोट के बाद से अवनी व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती है। शूटिंग में एसएच1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार होता है।