आजतक के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी का वाकई राजयोग आ गया है। सोशल मीडिया में छपी ख़बरों के मुताबिक सालाना 15 करोड़+जीएसटी और सालाना 10 फीसदी की बढ़ोतरी का कॉन्ट्रैक्ट..आजतक शायद ही किसी संपादक को इतनी भारी-भरकम सैलरी मिली हो। और तो और सूत्र ये भी बता रहे हैं कि सुधीर चौधरी अपने ख़ास-ख़ास चेलों को भी डीडी न्यूज़ लेकर जा रहे हैं..वो भी मुंहमांगी सैलरी पर..मतलब गुरु के साथ चेलों की भी मौज।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एस्प्रिट प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड प्रसार भारती से डीडी न्यूज़ पर सालाना 15 करोड़ साथ में जीएसटी की लागत वाले एक शो के लिए डील लगभग फाइनल हो गई है। एस्प्रिट प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड एक घंटे का शो बनाएगी, जो हफ्ते में पांच दिन प्रसारित होगा, या ऐसा कह सकते हैं कि एक साल में 260 एपिसोड बनाए जाएंगे. फर्म से यह अपेक्षा भी है कि वो डीडी न्यूज़ स्टूडियो से शो के लिए एंकर को शोध, निर्माण और पटकथा में मदद करेगी. ब्रॉडकास्टर कार्यालय की दसवीं मंजिल पर लगभग 9.25 लाख रुपये की लागत से नवीनीकरण और मरम्मत के काम के लिए एक अलग ठेका जारी किया गया है.
चौधरी का चयन कैसे?
इस आंतरिक ज्ञापन में बताया गया कि प्रसार भारती बोर्ड की बैठक में डीडी न्यूज द्वारा अपने हालिया पुनर्गठन के मद्देनजर “रणनीतिक छलांग” लगाने के लिए, दो प्रमुख न्यूज एंकरों और एक प्रोडक्शन एजेंसी की नियुक्ति को मंजूरी दी गई थी.
बोर्ड के सदस्य अशोक टंडन की अध्यक्षता में एक खोज व चयन समिति ने तत्पश्चात एंकर सुधीर चौधरी को चुना, क्योंकि बाजार के प्रमुख खिलाड़ी “नियमित एनआईए-आधारित प्रक्रिया और निविदा औपचारिकताओं में शायद भाग न लें”. समिति ने चौधरी की “विश्वसनीयता, टीआरपी ट्रैक रिकॉर्ड और मजबूत सोशल मीडिया उपस्थिति” को ध्यान में रखकर निर्णय लिया था.
प्रबंधन समिति ने अपनी 239वीं बैठक में एआईआर (ऑल इंडिया रेडियो) के अतिरिक्त महानिदेशक एल. मधु नाग की अध्यक्षता में एक परक्रामक समिति (नेगोशिएशन कमेटी) को मंजूरी दी. इस पैनल को 244वीं बैठक में टीएमएसओ के अतिरिक्त महानिदेशक वेद प्रकाश की अध्यक्षता में पुनर्गठित किया गया, क्योंकि नाग ने “एक दशक से ज्यादा समय से टीवी समाचार प्रोडक्शन के संपर्क में न होने की वजह से परक्रामक समिति की अध्यक्षता कर पाने में अपनी असमर्थता ज़ाहिर की”.
प्रकाश के नेतृत्व वाले पैनल ने इस साल 6 फरवरी से 20 फरवरी के बीच पांच अलग-अलग बैठकों में एस्प्रिट प्रोडक्शंस के साथ बातचीत की. प्रोडक्शन और बुनियादी ढांचे की लागत पर बातचीत के बाद दोनों पक्ष 15 करोड़ रुपये सालाना के अलावा जीएसटी की लागत पर सहमत हुए, जो 24 मई, 2012 को सीबीसी द्वारा अनुमोदित दरों के अनुसार 28.6 करोड़ रुपये, साथ में टैक्स के आंकड़े के अंदर ही था. चौधरी करीब एक दशक तक ज़ी न्यूज़ का चेहरा रहे. ज़ी न्यूज़ छोड़ने के दो हफ़्ते से भी कम समय बाद जून 2022 में वे आजतक में शामिल हुए थे.
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