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Noida-ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट स्कूलों को यूपी शिक्षा विभाग का फरमान

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Noida-ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट स्कूलों को यूपी शिक्षा विभाग ने फरमान जारी किया है।

Noida Greater Noida: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट स्कूलों को यूपी शिक्षा विभाग (UP Education Department) ने फरमान जारी किया है। बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग ने निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों (Students) का डाटा मांगा है। डाटा भेजने के लिए कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक 5 माह बाद भी दाखिले पूरे नहीं हो पाए हैं और फीस मुआवजे की तैयारी शुरू हो गई है। जिले में अभी तक करीब 2600 विद्यार्थियों के ही दाखिले हो पाए हैं। निजी स्कूल RTE के तहत दाखिले लेने से कतरा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि RTE के अनुसार शत-प्रतिशत दाखिले कराने के लिए विभाग की ओर से पहली बार जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। पहली लॉटरी फरवरी में निकाली गई थी। चारों लॉटरी में जिले के निजी स्कूलों में 5061 सीटें आवंटित की गई थीं। 5 माह हो गए हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग सभी सीटें नहीं भर पाया है।

विभाग ने सभी विद्यार्थियों का डाटा (Data) मांगा है। इसी आधार पर उनकी फीस और अध्ययन सामग्री का पैसा भेजा जाएगा, लेकिन अभी भी 2461 छात्र-छात्राओं के अभिभावक दाखिला न होने से निजी स्कूलों और विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

डाटा 25 अगस्त तक भेजना है लखनऊ

विभाग बच्चों की फीस और अध्ययन सामग्री का डाटा भेज रहा है। जिसे 25 अगस्त तक लखनऊ भेजना है। विभाग ने सूची बनानी भी शुरू कर दी है। आरटीई के तहत हर साल निजी स्कूलों में सीट आवंटित छात्रों की फीस और किताब-कॉपियों का खर्च सरकार उठाती है। हर साल बच्चों की संख्या के हिसाब से फीस दी जाती है।

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5 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से भेजा जाता है पैसा

इसके साथ ही छात्रों की कॉपी, किताब, स्टेशनरी का सामान, ड्रेस और जूते आदि के लिए 5 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से पैसा भेजा जाता है। फीस का भुगतान विभाग के खाते में होता है। जिससे स्कूलों को छात्रों की संख्या के हिसाब से पैसा दिया जाता है। जबकि अध्ययन सामग्री का पैसा सभी छात्रों के अभिभावकों के खाते में जाता है। कोट विभाग ने RTE के तहत नामांकित छात्रों की संख्या का डाटा मांगा है।

BSA राहुल पंवार (Rahul Pawar) ने बताया कि डाटा के आधार पर छात्रों को निजी स्कूलों की फीस और स्टडी मैटेरियल खरीदने के लिए पैसे भेजे जाएंगे, जो 25 अगस्त तक भेजने होंगे। वहीं, बाद में एडमिशन लेने वाले छात्रों का डाटा बाद में भेजा जाएगा।