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Noida: नोएडा में सिर्फ प्लॉट लेकर रखने वाले ये खबर जरूर पढ़ें

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Noida प्राधिकरण ने अपनी 219वीं बोर्ड बैठक में एक अहम और सख्त निर्णय लिया है।

Noida News: नोएडा प्राधिकरण ने 12 साल से खाली पड़े आवासीय प्लॉटों (Residential Plots) के आवंटन रद्द करने का कड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास आयुक्त दीपक कुमार (Deepak Kumar) ने की। इस कदम को प्राधिकरण का अब तक का सबसे सख्त निर्णय माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य सट्टा निवेश के लिए खाली छोड़े गए प्लॉटों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है। पढ़िए पूरी खबर…

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12 साल से खाली प्लॉटों पर कार्रवाई

आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के नए नियम के तहत, जिन आवंटियों ने 12 साल के भीतर अपने प्लॉट पर मकान का निर्माण नहीं किया, उनके प्लॉट का मालिकाना हक रद्द कर दिया जाएगा। प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लोकेश एम. (Lokesh M) ने कहा कि 17 ऐसे प्लॉट चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से 9 पर तो निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हुआ है। इनकी लीज जल्द रद्द की जा सकती है। लेकिन, जिन प्लॉटों पर निर्माण कार्य चल रहा है, उन्हें छह महीने की अतिरिक्त मोहलत दी जाएगी ताकि वे निर्माण पूरा कर कम्प्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकें।

सट्टेबाजी पर रोक, बिजली बिल में बचत

अधिकारियों ने कहा कि करीब 1,500 प्लॉटों पर केवल न्यूनतम निर्माण, जैसे एक कमरा, रसोई, टॉयलेट या बाउंड्री वॉल बनाकर कम्प्लीशन सर्टिफिकेट लिया गया है। इसका मकसद इन प्लॉटों को ऊंचे दामों पर बेचना है। प्राधिकरण ने इस तरह की सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए भवन उपविधियों का सख्ती से पालन करने का निर्णय लिया है। लोकेश एम. ने कहा कि खाली प्लॉट न केवल शहर की सुंदरता को प्रभावित करते हैं, बल्कि नियमों का उल्लंघन भी करते हैं।

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बिल्डरों पर भी सख्ती, स्टॉल्ड प्रोजेक्ट्स में कार्रवाई

बोर्ड बैठक में 2023 की स्टॉल्ड लेगेसी हाउसिंग प्रोजेक्ट नीति के तहत बकाया भुगतान न करने वाले बिल्डरों पर भी कार्रवाई का निर्णय लिया गया। 10 प्रमोटरों ने कोई भुगतान नहीं किया, 25 ने आंशिक भुगतान किया, और 35 ने केवल 25 प्रतिशत अग्रिम राशि जमा की है। इस कारण हजारों फ्लैट अधर में लटके हैं। डिफॉल्टर बिल्डरों को अब कोई ब्याज छूट नहीं दी जाएगी।

यूनिफाइड रेगुलेशंस-2025 को मंजूरी

प्राधिकरण ने यूनिफाइड रेगुलेशंस-2025 को भी मंजूरी दी, जिसके तहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के नियमों को समान किया जाएगा। इसमें आवंटन प्रक्रिया, भुगतान अनुसूची और कॉलेज, स्कूल, नर्सिंग संस्थान जैसे नए प्लॉटों के स्वीकृति नियम शामिल हैं।

पर्यावरण और बुनियादी ढांचे पर जोर

बैठक में पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़े कई प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिली। मुबाकरपुर में 300 टन प्रतिदिन की कचरा प्रबंधन इकाई स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, 86.67 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पुनरुद्धार और यमुना व हिन्डन में गिरने वाले 11 नालों की सफाई व उपचार की योजना को मंजूरी दी गई। सेक्टर-143 में 4 हजार वर्ग मीटर जमीन पर नया पुलिस थाना बनाने और सार्वजनिक परियोजनाओं की निगरानी के लिए मोबाइल ऐप विकसित करने का निर्णय भी लिया गया।

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सख्त नियमों का पालन अनिवार्य

  • 12 साल से खाली पड़े प्लॉटों की लीज रद्द होगी।
  • निर्माणाधीन प्लॉटों को छह महीने की मोहलत।
  • 17 पुराने प्लॉटों पर कार्रवाई, 9 पर कोई निर्माण नहीं।
  • स्टॉल्ड प्रोजेक्ट्स के डिफॉल्टर बिल्डरों को कोई ब्याज छूट नहीं।