Noida News: नोएडा अथॉरिटी से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में 27 ऐसे बिल्डर हैं जिनके प्रोजेक्ट में खाली फ्लैट, प्लाट, दुकान धरोहर राशि का सर्वे हुआ है। सर्वे में मिली जानकारी की एक डिटेल बना गई है। सर्किल वार सर्वे अथॉरिटी ने कराया है। इस महीने तक ये बिल्डर अमिताभ कांत (Amitabh Kant) की सिफारिश के तहत 25% पैसा जमा नहीं करते तो इनकी प्रॉपर्टी को सील कर दिया जाएगा। इसमें 12 बिल्डर ऐसे है जिन्होंने न तो सहमति दी और न ही अथॉरिटी की तरफ से आयोजित बैठक में ही शामिल हुए हैं। इन पर लगभग 1696 करोड़ से ज्यादा का बकाया है।
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आकड़ों की मानें तो नोएडा में 57 में से 22 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि 173.77 करोड़ रुपये जमा करा दी है। इन 20 बिल्डरों से नोएडा अथॉरिटी को करीब 450 करोड़ रुपये मिलेगा। 4 बिल्डरों ने कुल 25 प्रतिशत धनराशि 83.47 करोड़ में आंशिक धनराशि 53.68 करोड़ जमा कराई है। 18 ऐसे बिल्डर हैं जिन्होंने 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने की सहमति दी है। जिन बिल्डरों ने 25 प्रतिशत रकम दी उनसे कुल 1604 रजिस्ट्री होंगी। अथॉरिटी ने 01 मार्च, 29 अप्रैल और 08 मई को अलग-अलग स्थानों पर कैंप लगाकर 530 रजिस्ट्रियां कराईं हैं।
इन 12 बिल्डरों को अथॉरिटी की तरफ से नोटिस जारी किया गया, जिसका जवाब भी अब तक नहीं मिला है। ऐसे में इनकी प्रॉपर्टी का सर्वे कराया गया जिससे इनको सील कर अथॉरिटी बकाया निकाले और रजिस्ट्री खोली जा सके। अथॉरिटी एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने जानकारी दी कि इन बिल्डरों की जो भी खाली इंवेट्री प्रॉपर्टी है उसको सील किया जाएगा ताकि बकाया मिल सके और रजिस्ट्री शुरू हो सके।
ये हैं वो 12 बिल्डर
मनीषा किबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड 0.38 करोड़
आईवीआर प्राइम 659.92 करोड़
एसोटेक लिमिटेड 267.80 करोड़
एसोटेक कांट्रैक्टस लिमिटेड 189.88 करोड़
गार्डेनिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 111.84 करोड़
फ्यूटेक शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड 114.71 करोड़
टीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड इन पर 55.27 करोड़
एमपीजी रियेल्टी प्राइवेट लिमिटेड 38.92 करोड़
एजीसी रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड 20.80 करोड़
सिविटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड 8.77 करोड़
आर जी रेजिडेंस प्राइवेट लिमिटेड 170.10 करोड़
एवीपी बिल्डटैक प्राइवेट लिमिटेड 58.38 करोड़
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एनसीएलटी और कोर्ट केस वाले बिल्डर में की पैरवी जाएगी। अमिताभ कांत की सिफारिश (Amitabh Kant Recommendation) में कोर्ट केस और एनसीएलटी में जा चुके बिल्डर प्रोजेक्ट शामिल नहीं है जबकि सबसे ज्यादा बकाया इन बिल्डरों पर ही है। इन पर लगभग 20 हजार करोड़ के आसपास का बकाया है। इसके लिए प्राधिकरण अब मजबूत पैरवी करने की बात कर रहा है।
यूनिटेक 10 हजार करोड़
आम्रपाली 3576 करोड़
सुपरटेक ओआरबी 154 ,
सुपरटेक लिमिटेड 612
आईवीआरसी 248 करोड़
ग्रेनाइट गेट प्रापर्टी 985 करोड़
लॉजिक्स इंफ्राटेक 727 करोड़
लाजिक्स सिटी डेवलपर्स 630 करोड़
थ्री सी 541 करोड़