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Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों की नींद उड़ने वाली है!

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Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों के लिए हैरान कर देने वाली खबर

Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Noida-Greater Noida) के बिल्डरों (Builders) की परेशानी बढ़ने वाली है। आपको बता दें कि नोएडा शहर की पुरानी बहुमंजिला इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) इस साल के जुलाई महीने से शुरू करने की तैयारी है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) ने इसके लिए प्राइवेट एजेंसियों (Private Agencies) को कंसल्टेंट के तौर पर पैनल में शामिल करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी कर दिया है।

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नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के अधिकारियों के अनुसार किसी भी सोसाइटी की एओए या बिल्डर की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग आने पर चयनित प्राइवेट एजेंसी वहां जाकर जांच करेगी। संबंधित सोसाइटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने के बाद एजेंसी बताएगी कि छोटी मरम्मत से काम चल जाएगा या बड़े स्तर पर मरम्त का काम कराना होगा। ऑडिट रिपोर्ट पर प्राधिकरण स्तर पर गठित कमेटी चर्चा करेगी। कमेटी ही यह तय करेगी कि संबंधित सोसाइटी में मरम्म्त का काम किस स्तर पर होना है।

अगर समिति मरम्मत कराने की ज्यादा आवश्यकता समझती है तो पैनल में शामिल प्राइवेट या सरकारी किसी एजेंसी से संबंधित एओए को मिलवाकर काम कराया जाएगा। स्ट्रक्चर ऑडिट कराने के एओए या बिल्डर, जिससे भी आवेदन आया होगा, उसी को स्ट्रक्चरल ऑडिट का खर्च भी देना होगा।

प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुताबिक स्ट्रक्चरल ऑडिट (Structural Audit) के पैनल में शामिल होने के लिए प्राइवेट एजेंसियां 5 जून तक आवेदन कर सकती हैं। इस योजना से जुड़ी सारी जानकारी नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है। अगर कोई जानकारी चाहिए तो एजेंसी को 15 मई तक अपने सवाल प्राधिकरण को ई-मेल करने होंगे। इसके बाद 20 मई को प्री-बिड की बैठक होनी है। पहले चरण में लगभग 10 प्राइवेट एजेंसी को पैनल में शामिल किया जाएगा।

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आपको बता दें कि पुरानी सोसाइटियों में ऑडिट की जरूरत है या नहीं, इसके लिए साल 2023 में एसीईओ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी। इसमें प्राधिकरण के अलग-अलग विभाग के अधिकारी शामिल थे। इस कमेटी ने एक भी सोसाइटी में जाकर सर्वेक्षण नहीं किया। इसी बीच प्राइवेट एजेंसियों को पैनल में शामिल करने का निर्णय लिया गया।
सेक्टर-93 ए सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट और यूटोपिया रेजिडेंट, सेक्टर-121 होम्स, सेक्टर-107 ग्रेट वैल्यू शरणम, सेक्टर-78 सिक्का कार्मिक, सेक्टर-52 अंतरिक्ष नेचर आदि सोसाइटी ने स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग की हैं।

बहुमंजिला इमारतों में आ रही है ये समस्या

बता दें कि नोएडा शहर में बहुमंजिला इमारतों को बने 10 से 15 साल हो गए हैं। सोसाइटी में प्लास्टर गिरने जैसी समस्या सामने आने लगी हैं। एओए की ओर से आवेदन करने के बाद व्यस्तता के कारण सरकारी संस्थान सर्वेक्षण के लिए समय नहीं दे पा रहे थे। इसको देखते हुए प्राइवेट एजेंसियों को शामिल करने का फैसला लिया गया है।

आठ सरकारी एजेंसी पैनल में शामिल की मिली थी मंजूरी

नोएडा प्राधिकरण ने साल 2022 के नवंबर में हुई बोर्ड बैठक में स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी की नीति के प्रस्ताव को पेश किया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में 8 सरकारी संस्थानों को पैनल में शामिल करने को मंजूरी दी गई, जिसमें आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, बीआइटीएस पिलानी, दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय दिल्ली, एमएनएनआइटी इलाहाबाद, एमएमयू अलीगढ़, एमएनआईटी जयपुर और सीबीआरआई रुड़की है।