Noida में पांचवें से सीधे तीसरे फ्लोर पर पहुंची लिफ्ट
Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा की सोसाइटी में हो रहे लिफ्ट हादसे (Lift Accident) थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। हर दिन किसी न किसी सोसाइटी से लिफ्ट हादसे की खबर सामने आती है। ताजा मामला है नोएडा के सेक्टर 134 स्थित जेपी क्लासिक सोसाइटी (Jaypee Classic Society) का। जहां एक बड़ा लिफ्ट हादसा टल गया। बी-2 बिल्डिंग में एक लिफ्ट अचानक पांचवीं मंजिल से गिरने लगी, गनीमत रही कि लिफ्ट तीसरी मंजिल पर रुक गई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई। आपको बता दें कि इस लिफ्ट में कई लोग सवार थे।
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जानिए कैसे हुआ हादसा
लिफ्ट घटना के वक्त लिफ्ट में नोएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन (Noida Village Residents Association) के अध्यक्ष रंजन तोमर के परिवार के सदस्य सवार थे। इनमें तोमर की बड़ी बहन संगीता चौहान, उनकी पुत्री तन्वी चौहान, पत्नी राखी तोमर चौहान, 4 साल का बेटा रुद्र प्रताप सिंह तोमर और 4 माह की बेटी तेजस्विनी शामिल थीं। लिफ्ट में तीन दूसरे व्यक्ति भी मौजूद थे। लिफ्ट के अचानक गिरने से उसमें सवार लोगों में दहशत फैल गई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि तीसरी मंजिल पर लिफ्ट के रुकने और कुछ क्षण बाद दरवााजा खुल गया और सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल आए।
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निवासियों ने लगाया यह आरोप
इस घटना ने एक बार फिर से लिफ्ट सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। लिफ्ट में मौजूद दूसरे लोगों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन बिल्डर द्वारा ठीक से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि नोएडा में लगातार हो रहे लिफ्ट हादसों हो रहे हैं। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो चिंता का कारण है।
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लोगों के ये 4 सवाल
लिफ्ट एक्ट कानून का क्या हुआ? राज्य सरकार ने लागू कर दिया लेकिन प्रशासन, पुलिस और प्राधिकरण उसे अमल में क्यों नहीं ला रहे हैं।
सोसाइटियों में फायर इक्विपमेंट्स की सही ऑडिट और मरम्मत क्यों नहीं की जा रही? बिल्डर नियमित रूप से उपकरणों को चेंज नहीं कर रहे हैं। लिफ्ट की मरम्मत नहीं करवा रहे हैं।
हाई राइज बिल्डिंग्स का स्ट्रक्चरल ऑडिट क्यों नहीं किया जा रहा? इसके लिए लगातार मांग भी हो रही है। पॉलिसी तैयार कर ली गई है लेकिन लागू नहीं किया जा रहा है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP)का सही क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा? इससे हाउसिंग सोसायटीज में लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है।