Jaypee Group

Noida: Jaypee Group के अस्पतालों पर लगेगा ताला! पढ़िए हैरान करने वाली ख़बर

दिल्ली NCR नोएडा
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Noida News: नोएडा के जेपी ग्रुप के अस्पतालों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि देश की प्रमुख निर्माण कंपनियों में शुमार जयप्रकाश समूह यानी जेपी ग्रुप (Jaiprakash Group) के लिए मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एनसीएलटी ने अब समूह की हेल्थकेयर कंपनी जेपी हेल्थकेयर (Jaypee Healthcare) के खिलाफ भी दिवालियापन का एक्शन लेने का निर्देश दिया है। यह जेपी ग्रुप (Jaypee Group) की आखिरी बची कंपनी है जिसे दिवालिया घोषित किया गया है। एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा दायर एक याचिका पर मौखिक आदेश दिया, जिसमें जेपी हेल्थकेयर को कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए स्वीकार किया गया है। लेकिन अभी तक एनसीएलटी ने इस संबंध में अपनी वेबसाइट पर लिखित आदेश अपलोड नहीं किया है।
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Pic Social Media

नोएडा में है मल्टी-स्पेशिएलिटी टर्शियरी केयर अस्पताल

जेपी हेल्थकेयर (Jaypee Healthcare) नोएडा के बड़े शहर में स्थित एक बहु-विशेषज्ञता वाला तृतीयक देखभाल अस्पताल है। इस ग्रुप की दूसरी कंपनी जेपी इन्फ्राटेक की सहायक इकाई है। इससे पहले इसी महीने जेपी एसोसिएट्स को भी दिवालिया घोषित कर दिया गया है, जबकि पहले ही सुरक्षा रियल्टी के नेतृत्व वाले एक कंसोर्टियम ने जेपी इन्फ्राटेक का नियंत्रण प्राप्त कर लिया था। जेपी हेल्थकेयर पर लगभग 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें जेसी फ्लावर्स एआरसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्जिम बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफ इंडिया बैंक शामिल हैं। इस बीच देश की कई बड़ी हेल्थकेयर कंपनियों ने जेपी हेल्थकेयर के अधिग्रहण में रुचि दिखाई है। इनमें फोर्टिस हेल्थकेयर, अपोलो हॉस्पिटल्स, मेदांता और मैक्स हेल्थकेयर शामिल हैं। लेकिन, इन कंपनियों से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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जेपी इन्फ्राटेक के पास इतनी हिस्सेदारी

एनसीएलटी ने पीडब्ल्यूसी समर्थित भुवन मदान को जेपी हेल्थकेयर के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया है लेकिन कर्जदाता बैंकों ने शार्दुल अमरचंद मंगलदास को अपना सलाहकार नियुक्त किया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि रुचि रखने वाली अस्पताल कंपनियों ने पहले ही जेसी फ्लावर्स एआरसी और सुरक्षा रियल्टी दोनों से संपर्क साधा है। आपको बता दें कि साल 2023 के मार्च में जेसी फ्लावर्स एआरसी ने यस बैंक से गिरवी रखे जेपी हेल्थकेयर के 63.6% शेयरों को भुना लिया था। कंपनी की शेष हिस्सेदारी जेपी इन्फ्राटेक के पास है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच किसी समझौते पर नहीं पहुंचा जा सका है।

जेपी ग्रुप और प्रमोटरों की बढ़ेगी मुसीबत

पहले यस बैंक ने भी जेपी हेल्थकेयर को दिवालिया घोषित करने की मांग किया, लेकिन जून 2022 में एनसीएलटी ने इस मामले को जेपी इन्फ्राटेक के लिए समाधान योजना पास होने तक स्थगित कर दिया था। एनबीसीसी ने यह तर्क दिया था कि जेपी इन्फ्राटेक की बोली जीतने वाली कंपनी और जेपी हेल्थकेयर के लेनदारों के बीच आपसी समझौता हो सकता है। 504 बेड, 18 ऑपरेशन थियेटरों और 35 विशेषज्ञताओं वाला जेपी हेल्थकेयर अस्पताल पर अब दिवालियापन की प्रक्रिया होगी। इससे जयप्रकाश समूह और उसके प्रमोटरों के लिए मुसीबतें और भी बढ़ सकती हैं।