उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Nodia News: नोएडा में बिल्डरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है जहां डेडलाइन खत्म होने के बाद भी बिल्डर एस्क्रो खाते नहीं खुलवा रहे हैं। नोएडा (Nodia)में बिल्डर परियोजनाओं के एस्क्रो खाते (Escrow Accounts) खुलवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, लेकिन फिर भी नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के द्वारा बिल्डरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सीईओ (CEO) की ओर से तय की गई डेडलाइन को बीते दो महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक सिर्फ 16 परियोजनाओं के ही खाते खुले हैं, जबकि करीब 59 परियोजनाओं के खाते खोले जाने हैं।
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बिल्डर फ्लैट बार्यस से पैसा लेने के बाद प्राथमिकता के आधार पर परियोजना को पूरा करने में लापरवाही कर रहे हैं। अधिकांश पैसा दूसरी परियोजनाओं या अन्य काम में लगा दे रहे हैं। इस कारण बुकिंग करा चुके खरीदारों को फ्लैट के लिए काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। इसके साथ ही बिल्डर प्राधिकरण का बकाया भी नहीं दे रहे हैं। इससे खरीदारों की रजिस्ट्री अटकी पड़ी हैं। इन्ही कारणों को देखते हुए प्राधिकरण ने बिल्डरों पर नकेल कसने के लिए हर परियोजना का एस्क्रो खाता खुलवाने का निर्णय लिया था।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने 18 अगस्त को बिल्डरों के साथ बैठक की थी। बैठक में सामने आया कि जून-जुलाई में सिर्फ छह परियोजना के ही एस्क्रो खाते बिल्डरों ने खुलवाए हैं। इस पर सीईओ ने बिल्डरों को फटकार लगाई थी। बैठक में सीईओ ने स्पष्ट कहा था कि हर हाल में 26 अगस्त तक सभी परियोजनाओं के खाते खुलवाएं अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी करने समेत अन्य नियमों के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।
सीईओ की तरफ से दी गई इस डेडलाइन को बीते दो महीने हो रहे हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 16 परियोजनाओं के ही खाते खुल सके हैं। इसके बावजूद प्राधिकरण ने एक भी बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की है। इस बारे में प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि बिल्डरों को जल्द खाता खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि नोएडा में बिल्डरों की ग्रुप हाउसिंग से जुड़ी करीब 118 परियोजनाएं हैं। खास बात यह है कि बिल्डर खरीदारों से पैसा ले रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण का बकाया नहीं जमा कर रहे हैं। फ्लैट बुकिंग नहीं होने की बात कहकर बिल्डर पैसा देने से पीछे हट रहे हैं। स्पोर्ट्स सिटी के तहत परियोजनाएं विकसित होने में अभी समय लगेगा। आने वाले दिनों में इन परियोजनाओं में बड़े स्तर पर बुकिंग होगी।
आरसी भी जारी नहीं कर रहा प्राधिकरण
ग्रुप हाउसिंग से संबंधित बिल्डर परियोजनाओं के खिलाफ करीब तीन साल से आरसी जारी नहीं की गई है। कुछ महीने पहले नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने दावा किया था कि अब आरसी जारी करने की कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी। इसके बावजूद अभी तक आरसी जारी करने का सिलसिला प्राधिकरण ने शुरू नहीं किया है।
जानिए क्या है एस्क्रो अकाउंट
एस्क्रो खाते का मतलब एक अस्थायी खाता है जो विलय और अधिग्रहण, उच्च मूल्य वाली रियल एस्टेट परियोजनाओं, सीमा पार परियोजनाओं आदि जैसे बड़े मूल्य के लेनदेन को पूरा करने में मदद करता है। एस्क्रो खाते के तहत, एक खरीदार पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि जमा करेगा। हालाँकि, यह खाता सभी नियमों को पूरा करने के बाद ही विक्रेताओं को धनराशि जारी करता है।
एस्क्रो अकाउंट कैसे काम करता है ?
एस्क्रो अकाउंट सबसे पहले कॉन्ट्रैक्ट के तय नियमों के मुताबिक खरीददार से अकाउंट में रुपए जमा कराता है । इसके बाद जब विक्रेता खरीददार को पहले से सेवा प्रदान करता है और खरीददार उससे संतुष्ट हो जाता है, तभी जाकर एस्क्रो अकाउंट विक्रेता के खाते में रुपए भुगतान करता है । Escrow Account तीसरे पक्ष की तरह काम करता है ।
एस्क्रो खाते का लाभ
यह दोनों पक्षों को सुरक्षा प्रदान करता है।
ये खाते किसी लेनदेन को सरल और परेशानी मुक्त तरीके से उसके निष्कर्ष तक ले जाने में मदद करते हैं।
एस्क्रो से जुड़ा एक और फायदा यह है कि वे इसमें शामिल पक्षों की पहचान गुप्त रखते हैं। यह प्रावधान पार्टियों को बिना किसी दुर्भावना के डर के स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति देता है।
एस्क्रो खाता वित्तीय लेनदेन का एक अच्छा तरीका है। ये अस्थायी खाते हैं जो अपना उद्देश्य पूरा होने पर बंद हो जाते हैं।