Noida News: नोएडा ग्रेटर नोएडा के फ्लैट खरीदारों को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। फ्लैट बायर्स ने अपनी मेहनत की कमाई लगाकर नोएडा, ग्रेनो, ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) और यमुना एक्सप्रेवे (Yamuna Expressway) में फ्लैट खरीदा। बिल्डरों ने उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए और उनकी गाड़ी कमाई लेकर गायब हो गए। किसी ने सेंचुरियन के सपने दिखाए तो किसी ने केपटाउन जैसे शहर और किसी ने यूरोपीय और अमेरिकी शहरों से मिलते-जुलते प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों को पर लूटा। इन बिल्डरों ने सिर्फ फ्लैट बायर्स (Flat Buyers) को बल्कि अथॉरिटी को भी चूना लगाने का काम किया। अब बिल्डरों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाने वाला है। लेकिन इसमें शंका इस बात की है कि कहीं, बिल्डरों की बदमाशी की सजा मासूम फ्लैट बायर्स को न मिल जाए।
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उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्स्प्रेसवे अथॉरिटी को ऐसे बिल्डरों की अलॉटमेंट कैंसिल (Allotment Cancel) करने का आदेश जारी किया है जिन्होंने अथॉरिटी का बकाया नहीं जमा किया है। आपको बता दें कि हाल ही में बिल्डरों को एक ऑफर दिया गया था, जिसके अनुसार उनसे अथॉरिटी के बकाये का 25 फीसद चुकाकर घरों की रुकी हुई रजिस्ट्री शुरू करने का सुझाव दिया था। इस ऑफर का कुछ बिल्डरों ने फायद लिया और उनके प्रोजेक्ट्स में घरों की रजिस्ट्री शुरू भी हो गई। लेकिन कुछ बिल्डरों ने इस ऑफर का भी लाभ नहीं ले सके, जिसके बाद उन पर एक्शन लेने का निर्देश जारी हुआ है।
हजारों लोगों को आज भी फ्लैट के इंतजार में
यूपी सरकार ने बिल्डरों को 60 दिन का समय दिया था, जिसमें उनसे कहा गया था कि वह रिबेट का फायद ले सकें और अपना बकाये का भुगतान कर दें। इससे उन्हें घर खरीदारों की ओर से लागातार उठाए जा रहे घरों की रजिस्ट्री का मुद्दा भी सुलझ जाएगा और जिनमें काम रुका हुआ है, वहां काम भी शुरू हो जाता। अगर बिल्डर 60 दिन में इस ऑफर का भी लाभ नहीं उठाते हैं, तो उनको अलॉट हुई जमीन कैंसिल हो सकती है। समय-सीमा खत्म हो गई है और अब कभी भी आपके बिल्डर का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल किया जा सकता है।
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ऐसे में सवाल उठता है कि जिन फ्लैट बायर्स ने उन प्रोजेक्ट में अपने सपनों के घर के लिए लाखों रुपये चुकाए हैं उनका क्या होगा? कुछ लोगों को उनका घर तो मिल गया है, लेकिन रजिस्ट्री नहीं हो पाई है, उनकी मांग रजिस्ट्री की है। जबकि आज भी हजारों घर खरीददार ऐसे हैं, जिन्हें उनके फ्लैट के दर्शन तक नहीं हुए हैं।
सरकार ने दी थी छूट
नोटिफिकेशन के मुताबिक दिसंबर 2023 में बिल्डरों को 60 दिन में 25 फीसद बकाया चुकाने का निर्देश जारी किया गया था। ऐसा करने पर उनके प्रोजेक्ट में घरों की रजिस्ट्री शुरू कर दी जाती। यह समय सीमा समाप्त हो चुकी है, अब तीनों अथॉरिटी को सरकार की तरफ से चिट्ठी भेजकर ऐसे बिल्डरों का लैंड अलॉटमेंट कैंसिल करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार ने तो बिल्डरों को यहां इतनी राहत दी थी कि कोरोना के समय यानी अप्रैल 2020 से मार्च 2023 यानी दो साल का ब्याज नहीं लिया गया था। इसके बाद भी बिल्डरों ने अपने फ्लैट बायर्स को राहत देने के लिए कुछ नहीं किया। इस पॉलिसी को लाने के पीछे सरकार का मकसद नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में 2.40 लाख से 3.50 लाख घरों की रजिस्ट्री का रास्ता खोलना था।
ग्रेटर नोएडा का हाल बेहाल
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में काम करने वाले 97 बिल्डरों में से 40 ने इस योजना का लाभ लेकर अपने बकाए चुकाने की बात कही, जिससे उनके प्रोजेक्ट में रजिस्ट्री की मांग कर रहे फ्लैट बायर्स को राहत मिल गई है। लेकिन सिर्फ 16 बिल्डरों ने ही बकाया की किस्त जमा की है। इससे अथॉरिटी को कुल 73 करोड़ रुपये मिले, जिससे अब तक 1300 फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जा सकी है। यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के 7क्षेत्र में कुल 9 में से दो बिल्डरों ने ही इस योजना का लाभ उठाकर अपनी किस्त जमा की। इससे अथॉरिटी को 90 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और 2600 फ्लैट की रजिस्ट्री हुई।
नोएडा में इतने बिल्डरों ने लिया लाभ
आपको बता दें कि नोएडा में कुल 42 बिल्डरों ने इस स्कीम के तहत अपना बकाया देने की हामी तो भरी, लेकिन सिर्फ 16 ने ही इसका लाभ ले पाए। नोएडा के बिल्डरों से अथॉरिटी को 115 करोड़ रुपये मिले, जिससे उनके प्रोजेक्ट में घर लेने वाले लोगों को रजिस्ट्री का तोहफा मिल गया।