कुमार विकास, ख़बरीमीडिया
रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक (Supertech) के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक कराने वालों की मुश्किलें बढ़ गई है। दिल्ली की एक अदालत ने कंपनी के चेयरमैन आरके अरोड़ा 10 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। उन पर 1,500 करोड़ रुपये के बैंक लोन की हेराफेरी का आरोप है। ईडी ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया था।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के 20 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। इनमें 49,954 फ्लैट्स हैं। इनमें ज्यादातर प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं और कई कानूनी पचड़ों में फंसे हैं। हालत यह है कि कंपनी के पास इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए फंड नहीं है। अब कंपनी के चेयरमैन की गिरफ्तारी से होमबायर्स के लिए अपने सपनों का घर मिलने की उम्मीद क्षीण होती जा रही है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर 15 अगस्त तक सुपरटेक के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू नहीं हुआ तो वे भूख हड़ताल करेंगे।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी पिटीशन दायर की थी। उसका कहना है कि कंपनी ने उसके 432 करोड़ रुपये के बकाये के भुगतान में डिफॉल्ट किया है। एनसीएलटी ने पिछले साल मार्च में इसे स्वीकार कर लिया था लेकिन एनसीएलएटी ने इसे ग्रेटर नोएडा के ईकोविलेज 2 तक ही सीमित कर दिया। साथ ही रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी देते हुए सुपरटेक के प्रमोटर्स को दूसरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी। यह काम एनसीएलटी द्वारा नियुक्त रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल की निगरानी में होना था।
होमबायर्स की चिंता
लेकिन होमबायर्स को चिंता है कि अरोड़ा की गिरफ्तारी से यह रिजॉल्यूशन प्लान प्रभावित होगा। होमबायर्स ने इसके लिए यूनिटेक का उदाहरण दिया। उनका कहना है कि यूनिटेक के प्रमोटर्स की गिरफ्तारी के बाद कंपनी को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक बोर्ड चला रहा है। इसकी जिम्मेदारी एक रिटायर्ड आईएएस को दी गई है। लेकिन इसमें बात आगे नहीं बढ़ पाई है। यूनिटेक के अधूरे प्रोजेक्ट्स पर बहुत कम काम हुआ है। सबसे बड़ी समस्या फंड की है।
रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने एलसीएलएटी में जो स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक सुपरटेक के 20 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। इनमें 49,954 फ्लैट्स हैं। इनमें 28,000 फ्लैट्स अभी कंस्ट्रक्शन फेज में हैं जबकि 9,705 यूनिट्स होमबायर्स को मिल चुके हैं। लेकिन इनकी अभी तक रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। करीब 12,000 यूनिट्स रजिस्टर्ड की जा चुकी है। होमबायर्स का कहना है कि जबसे मामला एनसीएलटी में गया है तबसे काम की रफ्तार धीमी हो गई है। उन्हें डर है कि अरोड़ा के अरेस्ट होने के बाद इन प्रोजेक्ट्स पर काम रुक जाएगा। राज कुमार का ईकोविलेज 2 में फ्लैट है। वह कहते हैं कि अरोड़ा की गिरफ्तारी से निवेशकों और फाइनेंसर्स का भरोसा कम होगा। इससे कंस्ट्रक्शन पर असर होगा।
भूख हड़ताल की धमकी
इसी तरह कोरोना महामारी में अपने पति को खो चुकी Paramita Banerjee कहती हैं कि सुपरटेक ने रेंटल स्कीम के तहत उन्हें एक फ्लैट अलॉट किया था। यह फ्लैट उन्हें तब के लिए दिया गया था जब तक कि उनका फ्लैट तैयार नहीं हो जाता। वह 2017 से इस रेंटेड फ्लैट में रह रही थीं लेकिन पिछले साल अप्रैल से कंपनी ने रेंट देना बंद कर दिया। तबसे मुझे अपनी जेब से किराया देना पड़ रहा है और साथ ही फ्लैट की किस्त भी देनी पड़ रही है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति के बाद भी कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।
ईकोविलेज 2 के होमबायर्स ने धमकी दी है कि अगर 15 अगस्त तक काम शुरू नहीं हुआ तो वे भूख हड़ताल करेंगे। सुपरटेक्स अपकंट्री बायर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट कैलाश चंद्रा का कहना है कि उनकी उम्मीदें कम होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट में एक केस फाइल करेंगे और कोर्ट से अपील करेंगे कि होमबायर्स को खुद ही प्रोजेक्ट पूरा करने की अनुमति दी जाए। हमें भरोसा नहीं है कि सुपरटेक को अपने प्रोजेक्ट्स पूरा करने के लिए फंड मिलेगा। (साभार-एनबीटी)