Noida News: यहां बनने जा रहा है सौर मंडल पार्क, जानिए क्या होगी खासियत
Noida News: नोएडा के लोगों के लिए अच्छी और खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि अब नोएडा में वेदवन पार्क (Vedavan Park), बायोडायवर्सिटी और औषधि पार्क (Aushadhi Park) के बाद खगोल पर आधारित सौर मंडल पार्क बनेगा। यह पार्क न सिर्फ मनोरंजन बल्कि ज्ञान वर्धन का भी प्रमुख केन्द्र होगा। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) सेक्टर-167 में लगभग 29 एकड़ क्षेत्रफल में सौर मंडल पर आधारित पार्क बनाने की तैयारी कर रहा है। जिसमें सूर्य के साथ सभी नव ग्रहों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस पार्क का बनाने में 50 करोड़ का खर्च आएगा। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि पार्क का डिजाइन तैयार किया गया है। इसे अप्रूवल के लिए सीईओ के पास भेज दिया गया है।
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पार्क के लिए प्राधिकरण की तरफ से अर्थ वर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चयन किया गया है। कंपनी ने प्राधिकरण के सीईओ के सामने प्रेजेंटेशन भी रखा था, जिसमें संशोधन के लिए कहा गया। फाइनल डिजाइन बहुत ही जल्द ही अप्रूव होगा। इसके बाद निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। काम शुरू होने के छह महीने में पार्क का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
सेक्टर-167 में बनाया जाएगा पार्क
यह पार्क शहर के सेक्टर-167 में बनाया जाएगा। जिसका क्षेत्रफल 29 एकड़ है। यह पार्क सौर मंडल पर आधारित होगा। इसके साथ ही कैफिट एरिया, पाथ वे , फाउंटेन , पार्किंग और कलाकृतियों से तैयार होगा। इसके साथ में सौर मंडल की व्याख्या करने वाले साइंटिस्ट और भारतीय खगोल शास्त्रियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
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ताला मंडल को लेकर हो रही है बातचीत
इस पार्क में प्रयागराज (Prayagraj) के आनंद भवन की तरह ही पार्क में तारा मंडल तैयार किया जाएगा या नहीं इस पर अभी संशय है। इसको लेकर बातचीत जारी है। लेकिन पार्क में एम्फीथियेटर प्रस्तावित है। ऐसे में यहां तारामंडल भी बन सकता है। जिसके माध्यम से यहां आने वाले लोगों को तारों और ग्रहों दोनों की जानकारी मिल सके।
जानिए क्या है सौर मंडल
आपको बता दें कि सौर मंडल का केंद्र सूर्य होता है, बाकी 9 ग्रह सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं। 9 ग्रहों में बुध, शुक्र, पृथ्वी, शनि, मंगल, बृहस्पति, प्लूटो, नपच्यून और यूरेनस हैं। इनको साधारण भाषा में नवग्रही भी कहते हैं। पूजा पाठ के समय पंडित के मुंह से नवग्रही की पूजा के बारे में आपने सुना होगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक किसी समय एक विशाल उल्का या पुच्छल तारा अंतरिक्ष में घूमता-घूमता सूर्य के पास से गुजरा था। इससे सूर्य में व्याप्त पदार्थ के टुकड़े-टुकड़े हो गए थे। वही टुकडे बटकर नौ ग्रह यह बन गए और सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाने लगे। ऐसा नजारा यहां दिखेगा।