ख़बर नोएडा से है। जहां अंग्रेजी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ(Times Now) की महिला अधिकारी को ठगों ने निशाने पर लिया और बीच सड़क से उनका आईफोन ले उड़े।
क्या है पूरा मामला?
वारदात नोएडा के पर्थला चौक(Parthala Chowk) के पास उस समय हुई, जब टाइम्स नाउ में GM(HR) वांछा गर्ग अपने घर से फिल्म सिटी जा रही थीं। वांछा गर्ग के मुताबिक 2 मई को सुबह करीब दस बजे वह ग्रेटर नोएडा स्थित एक मूर्ति से फिल्म सिटी की ओर जा रही थीं। इस दौरान पर्थला चौक के निकट उनकी कार जाम में फंस गई।
वांछा गर्ग के अनुसार, ‘इसी बीच एक व्यक्ति मेरे पास आकर चिल्लाने लगा कि मैंने उसे टक्कर मारी है और उसने मुझसे कार का शीशा नीचे करने के लिए कहा। हालांकि, मैंने किसी को टक्कर नहीं मारी थी, इसलिए मैंने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने कहा कि मेरी कार के पिछले पहिये के नीचे एक बच्चा आ गया है और वह मुझसे कार का शीशा नीचे करने के लिए जोर देने लगा। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति वहां आ गया और मेरी कार के शीशे को जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया, जिससे मैं डर गई।’
वांछा गर्ग का कहना है, ‘यह सोच कर कि हो सकता है कि मैंने उनके बच्चे को चोट पहुंचा दी हो, मैंने उसकी बात सुनने के लिए जैसे ही कार का शीशा नीचे किए, उस आदमी ने अपना हाथ कार में अंदर घुसा दिया और दर्द होने का नाटक करने लगा। इसके बाद मैंने शीशा थोड़ा नीचे कर दिया, ताकि वह अपना हाथ निकाल सके, लेकिन अपना हाथ निकालने के बजाय उसने कार का दरवाजा खोल दिया। इस बीच बदमाश का दूसरा साथी कार का दरवाजा पीटने लगा। मैं काफी घबरा गई थी और अभी स्थिति को पूरी तरह समझने की कोशिश कर रही थी, तभी दोनों बदमाश वहां से भाग गए। इसके बाद मुझे पता चला कि वह मेरा आईफोन उठाकर ले गए हैं।’
वांछा गर्ग का कहना है कि उनकी शिकायत पर पुलिस ने वहां मौजूद सीसीटीवी की जांच की तो पता चला कि वह लंबे समय से काम ही नहीं कर रहे हैं। वांछा गर्ग के अनुसार, बदमाश उनका अपहरण कर सकते थे अथवा हत्या भी कर सकते थे।
वांछा गर्ग ने यह भी बताया कि दो मई को हुई इस वारदात के बाद पुलिस अभी तक बदमाशों का सुराग नहीं लगा पाई है। इसके साथ ही जब उन्होंने अपने मोबाइल फोन को लेकर पुलिस को कुछ क्लू भी दिए तो भी पुलिस उनका फोन तक बरामद नहीं कर पाई है।
इसके अलावा वांछा गर्ग का यह भी कहना है कि उन्होंने अपने फाइंडमाई ऐप के माध्यम से पाया कि घटना के अगले दिन उनका फोन मेरठ में चालू हो गया था। यह बात उन्होंने पुलिस को बताई तो पुलिस का कहना था कि वे फोन के दोबारा चालू होने का इंतजार कर रहे हैं और वे नए नंबर के साथ इसके दोबारा इस्तेमाल होने का इंतजार करेंगे।
वांछा गर्ग के अनुसार, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा है कि हम उस समयसीमा और सीसीटीवी फुटेज की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं, जहां पर मेरा फोन इस्तेमाल किया गया था। उस चीज का इंतजार क्यों करना जो शायद कभी हो ही न। क्यों न मेरठ की फुटेज की तलाश की जाए जहां मेरा फोन चालू था।’ वांछा नोएडा की कानून व्यव्स्था से बेहद खफा हैं। और पुलिस कमिश्नर से आरोपियों को पकड़ने और उनका मोबाइल जब्त करने की गुजारिश कर रही हैं।