Noida-ग्रेटर नोएडा वाले हो जाएं सावधान, इस प्रकार हो रही है खूब ठगी
Noida News: दिल्ली- नोएडा सहित पूरे देशभर में साइबर अपराधियों द्वारा लगातार नए-नए तरीकों से साइबर क्राइम किए जा रहे हैं। लोगों को साइबर अपराध (Cyber Crime) से बचाने के लिए लगातार जागरुक किया जा रहा है। इसी क्रम में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस (Commissionerate Gautam Buddha Nagar Police) ने आमजन को साइबर अपराध से बचाव के लिए अलर्ट किया है। हाल ही में साइबर अपराधियों द्वारा नऐ तरीके से साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। जिसमें मेडिकल टेस्ट के नाम पर फ्रॉड किया जा रहा है।
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आज के तकनीकी युग मे आमजन को कोई भी समस्या होने पर इन्टरनेट (Internet) का सहारा लिया जा रहा है। इसी क्रम मे अगर किसी व्यक्ति को मेडिकल सुविधाओ की जरूरत होती है तो भी इन्टरनेट के माध्यम से आसपास की पैथ लैब व डाक्टर आदि का विवरण GOOGLE SEARCH ENGINE या दूसरे सर्चिंग प्लेटफार्म पर खोजकर व्यक्ति सुविधाओ का लाभ ले रहा है। ऐसे में साइबर अपराध से बचने के लिए नोएड़ा पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है।
हाल ही में महिला चिकित्सक बनाकर की थी एक व्यक्ति से ठगी
आपको बता दें कि बीते दिनों एक घटना सामने आई थी जिसमें साइबर अपराधियो द्वारा मेडिकल चैकअप के नाम पर विडियो कॉल के जरिए पीड़ित को बताया गया कि उसको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ शिकायत थी। जिसमे पीड़ित द्वारा Urinary समस्या होने की बात कही गई। इसके बाद पीड़ित को वीडियो कॉल (Video Call) पर लेकर मेडिकल के नाम पर शरीर के प्राइवेट पार्ट की जांच के लिए कार्यवाही का झांसा दिया जाता है और साथ ही साथ विडियो कॉल की स्क्रीन रिकार्डिग चलती रहती है बाद मे साइबर अपराधियो द्वारा इस विडियो का प्रयोग पीड़ित को गुमराह कर एक्सटोर्शन करते हुए धनराशी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
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यह बरतें सावधानियां
किसी भी मेडिकल एप्लीकेशन (Medical Applications) या वेबसाइट के जरिए से मेडिकल सुविधा प्राप्त करने से पहले एप्लीकेशन, वेबसाइट की ठीक से जांच करें।
ऑनलाइन मेडिकल चैकअप करने से जहां तक हो सके बचे। किसी अनजान डाक्टर, लैब से ऑनलाइन मेडिकल टेस्ट न बिलकुल भी न कराएं।
किसी मेडिकल कम्पनी के आधार पर कोई 3RD पार्टी कम्पनी आपका चैकअप करने आती है तो सावधान रहें।
GOOGLE या दूसरे SEARCH ENGINE पर सर्च करते समय आप अपनी MEDICAL QUERY और उससे सम्बंधित DATA संबंधित वेबसाइट, एप्लीकेशन पर देते है तो, इस प्रकार डाटा देने से पहले आप वेबसाइट या एप्लीकेशन की अधिकारिकता को जांच लें।
लिंक के माध्यम से अपनी मेडिकल चैकअप की हिस्ट्री किसी भी प्लेटफार्म पर न दें।
किसी भी अनजान नम्बर से कॉल आने पर मेडिकल चैकअप विडियो कॉल के माध्यम से न कराएं ना ही अपनी समस्या साझा करें।
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युरिन टेस्ट करने के नाम पर इस प्रकार की घटनाए होने की सम्भावना ज्यादा रहती है। इसलिए ऑनलाइन मेडिकल टेस्ट कराने से बचे।
INSTAGRAM, FACEBOOK, YOUTUBE या दूसरे सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर विडियो के बीच मे आने वाले एड से इस प्राकार का डाटा साइबर अपराधियो द्वारा एकत्रित कर साइबर अपराध की घटना की जा सकती है, अतः सतर्क रहे।
साइबर अपराधी इस प्रकार के डाटा के लिए इन्टरनेट पर डाटा की खोज मे रहते है और विभिन्न स्रोत से डाटा प्राप्त कर आपकी मेडिकल हिस्ट्री जानकर इस प्रकार की घटना कर सकते है।
साइबर अपराधियों की यहां करें शिकायत
Helpline No…………. 1930
visit Government website
www.cybercrime.gov.in
18 दिन तक किया डिजिटल अरेस्ट
फरीदाबाद से एक ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय से सेवानिवृत्त एक महिला अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 40 लाख रुपये ठगी कर लिए। आरोपियों ने उन्हें पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 18 दिन तक वीडियो कॉल पर बनाए रखा। मामला अब सामने आया। 60 वर्षीय पीड़िता सूरजकुंड थाना क्षेत्र में परिवार के साथ रहती हैं। वह केंद्रीय श्रम मंत्रालय में अधिकारी रह चुकी हैं।
पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने जानकारी दी है कि पिछले दिनों उनके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले अपने आपको भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) का प्रतिनिधि बताया। इसके साथ ही उसने कहा कि उनके आधार कार्ड से मुंबई के कैनरा बैंक में एक बैंक खाता खुला है। उससे अवैध रूप से रुपये का पेमेंट किया जा रहा है।
आरोपियों ने गिरफ्तारी का वारंट भी भेजा
यही नहीं साइबर ठगों ने बुजुर्ग महिला को मुंबई पुलिस की तरफ से फोन कॉल का झांसा दिया और व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल कर बैंक खाते से लेनदेन संबंधित कागजात दिखाए। उसने व्हाट्सऐप पर गिरफ्तारी का वारंट भी शेयर किया। वीडियो कॉल हमेशा ऑन रहने देने के लिए कहा गया। पीड़िता के मुताबिक नित्य व किसी जरूरी कार्य के लिए भी उन्हें आरोपियों से अनुमति लेनी पड़ती थी। गिरफ्तारी के डर से पीड़िता ने बैंक जाकर आरोपियों के खाते में 40 लाख रुपये भेजे।
तनाव में चली गई थी पीड़िता
पीड़ित महिला का कहना है आरोपियों ने अपने व्हाट्सऐप की डीपी पर मुंबई पुलिस का लोगो लगाया था। डिजिटल अरेस्ट के 18वें दिन उन्होंने देखा कि व्हाट्सऐप की डीपी से मुंबई पुलिस की डीपी को बार-बार हटाया जा रहा है और जोड़ा जा रहा है। इस पर उन्हें शक होना शुरू हुआ। ठगी के बाद वह तनाव में आ गई थीं, क्योंकि 40 लाख रुपये उन्होंने बेटी की बेहतर भविष्य बनाने के लिए एक जमीन बेचकर अपने बैंक खाते में रखी थी। महिला ने बताया कि इस बाबत उन्होंने मनोचिकित्सक से भी सलाह ली। डॉक्टर की सलाह पर तनाव मुक्त होने के बाद उन्होंने शिकायत दी।