फ्लैट ख़रीदारों के लिए अच्छी खबर, Noida Authority ने लिया बड़ा फैसला
Noida Authority: नोएडा में घर खरीदने वाले लोगों के लिए अच्छी और खुश कर देने वाली खबर है। आपको बता दें कि नोएडा में बिल्डरों (Builder) की मनमानी को लेकर नोएडा प्राधिकरण अब सख्त रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने जिले में किसी भी बिल्डर के प्रोजेक्ट में फ्लैट की खरीद के लिए त्रिपक्षीय समझौता (Tripartite Agreement) अनिवार्य कर दिया है। नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) की बोर्ड बैठक में इसका फैसला हुआ है। इस फैसले के तहत घर खरीदार (Flat Buyers), रियल एस्टेट कंपनी और अथॉरिटी (Authority) तीनों शामिल होंगी। इससे प्राधिकरण को पता चलेगा कि पहले भुगतान यानी डाउन पेमेंट के समय किसने वो घर खरीदा है। अभी प्राधिकरण को यह जानकारी कंप्लीशन के समय आखिरी भुगतान या रजिस्ट्री के दौरान पता चलती है।
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नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) चेयरमैन लोकेश एम की अगुवाई में हुई बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। साथ ही कालाबाजारी रुकेगी और मकानों की संदिग्ध बिक्री और लेनदेन पर भी रोक लगेगी। इससे घर खरीदारों के हितों की रक्षा होगी। साथ ही सही लेनदेन होने से स्टांप ड्यूटी के रूप में राजस्व भी बढ़ेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने की बिल्डर ने जो अवधि दी है, उस पर भी सही तरीके से निगरानी की जा सकेगी।
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बिल्डर्स और बॉयर्स के बीच सेल एग्रीमेंट रजिस्ट्री से पहले सबसे अहम दस्तावेज होता है, जिसके तहत बिक्री के सारे नियम कायदे और कंप्लीशन डेट तक सारी बातें होती हैं। रेरा के सेक्शन 13 के अनुसार इसे और मजबूत किया गया है। इसमें यह कहा गया है कि बिल्डर किसी अपार्टमेंट, विया या फिर फ्लैट आदि को लेकर सेल एग्रीमेंट के पहले 10 फीसदी से ज्यादा एडवांस पेमेंट नहीं ले सकेगा। कोई एप्लीकेशन फीस भी नहीं ले सकेगा। लिहाजा अब एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया है, जिसके तहत बिल्डर, बॉयर्स और नोएडा प्राधिकरण के बीच ट्राईपार्टी एग्रीमेंट होगा। प्रापर्टी अमाउंट का 10 फीसदी देने के बाद बिल्डर, खरीदार और नोएडा प्राधिकरण के बीच रजिस्ट्री विभाग में यह समझौता होगा। इस एग्रीमेंट के तहत 2 फीसदी स्टांप ड्यूटी भी देनी पड़ेगी। बाकी की धनराशि पजेशन यानी घर पर कब्जा मिलने और अंतिम रजिस्ट्री के दौरान देनी होगी।
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जानिए नोएडा प्राधिकरण के नए नियम
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि त्रिपक्षीय समझौते (Noida Aithority) से प्रापर्टी खरीदने वाले के हाथ में मजबूत दस्तावेज या रिकॉर्ड होगा, क्योंकि स्टांप और रजिस्ट्री रिकॉर्ड (Flat Registry) में उसना नाम दर्ज होगा।
इससे डेवलपर एक ही यूनिट को कई घर खरीदारों को एक साथ नहीं बेच सकेंगे। वो मनमाने तरीके से किसी भी सेल एग्रीमेंट को कैंसिल नहीं कर पाएंगे।
इससे फ्लैट बायर्स अगर कब्जा लेने से पहले उसी फ्लैट या प्रापर्टी को वापस बिल्डर को बिना स्टांप चुकाए बेचता है या टैक्स दिए बिना उसे किसी दूसरे खरीदार को बेचता है तो उस पर भी लगाम लगेगी।
अभी बिल्डर और फ्लैट बायर्स 100 रुपये के स्टांप पेपर पर सेल एग्रीमेंट करते हैं। नोएडा प्राधिकरण की भूमिका तभी आती है, जब डेवलपर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट और कंप्लीशन सर्टिफिकेट यानी प्रोजेक्ट पूरा होने का प्रमाणपत्र हासिल कर लेता है।
सेल एग्रीमेंट में फ्लैट का कारपेट एरिया, पूरी कीमत, दूसरे तरह के ऑफर्स, पेमेंट के तौर तरीकों और कब्जा देने की अवधि जैसी महत्वपूर्ण बातें होती हैं। इसलिए त्रिपक्षीय समझौता होने पर बिल्डर आनाकानी नहीं कर पाएगा।