जेडीयू नेता की बड़ी भविष्यवाणी, 2025 में Nitish Kumar ही बनेंगे सीएम
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2025 में होना है। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) को लेकर अभी से ही सियासत शुरू हो गई है। इसी क्रम में जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने कहा कि मिशन 2025 के लिए जदयू (JDU) पूरी तरह से तैयार है। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व मे बिहार में फिर से एनडीए (NDA) की सरकार बनेगी। आपको बता दें कि जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक मिलन समारोह के दौरान उन्होंने यह बात कही। इस दौरान जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने विगत 19 वर्षों में महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ बिहार की शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया है। इससे बिहार की जमीनी तस्वीर बदली है।
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लोगों का विश्वास,नीतीश कुमार के साथ
प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा (Umesh Singh Kushwaha) ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आम लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े तमाम लोग मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में बिहार को समृद्ध और विकसित बनाने के विए अपना योगदान देना चाह रहे हैं। यही वजह है कि आए दिन जदयू का परिवार नया आकार ले रहा है। मिलन समारोह में देवयानी मित्रा के साथ विभिन्न जिलों से आए सेवानिवृत अधिकारियों ने जदयू की सदस्यता हासिल की। आपको बता दें कि आलोक चंद्र गौतम, कमला चौधरी, डा. केसी कुमार, खुर्शीद अनवर, पंकज कुमार, प्रो. नीतीश वर्धन व प्रो. जयशंकर प्रसाद आदि ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की।
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राजद-कांग्रेस ने 23 सालों तक नहीं कराया पंचायत चुनाव-मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस समारोह में कहा कि साल 1995 में लालू यादव के पक्ष में बैलेट बाक्स से निकलने वाला अतिपिछड़ों का जिन्न उनकी प्रताड़ना की वजह से 2005 के बाद पूरी तरह से एनडीए के पाले में आ गया। राजद-कांग्रेस के लोगों को 15 साल मौका मिला तो अतिपिछड़ों को अपमानित और दलितों को नरसंहारों की भेंट चढ़ाने का काम किया। आज अतिपिछड़ों का भरोसा पूरी तरह से पीएम नरेन्द्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ है।
मंगल पांडेय ने पूछा है कि राजद के नेता बताएं कि अपने 15 सालों के राज में अतिपिछड़ों दलितों और महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण क्यों नहीं दिया? एक ओर तो राजद-कांग्रेस ने 23 सालों तक पंचायत का चुनाव नहीं कराया, जब कराया तो इन वर्गों को आरक्षण से ही वंचित कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि जब 2005 में एनडीए की सरकार बनी तो पंचायत चुनाव में एकल पदों पर मुखिया, प्रमुख,जिला परिषद अध्यक्षों व वार्ड सदस्यों के लिए अतिपिछड़ों को 20 प्रतिशत, दलितों को 17 प्रतिशत एवं महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।