पठन कौशल और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने चल रहा है ‘पठन अभियान’
Raipur: प्रदेश में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और रूम टु रीड के संयुक्त तत्वाधान में में ‘पठन अभियान’ के तहत 2 मोबाइल लाइब्रेरी वेन का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत एससीईआरटी के संचालक राजेन्द्र कुमार कटारा द्वारा की गई। इस दौरान अपर संचालक जे. पी. रथ और रूम टू रीड के राज्य प्रमुख यशवर्धन उनियाल, एससीईआरटी के अधिकारी-कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
ये भी पढ़ेः छत्तीसगढ़ में बदलेगी स्कूल की तस्वीर और विद्यार्थियों की तकदीर: CM Sai
ख़बरीमीडिया के Whatsapp ग्रुप को फौलो करें https://whatsapp.com/channel/0029VaBE9cCLNSa3k4cMfg25
इस मोबाइल लाइब्रेरी का उद्देश्य बच्चों और समुदायों के बीच पठन कौशल को बढ़ावा देना है। लाइब्रेरी वेन 10 दिनों तक महासमुंद जिले के बागबहरा विकासखंड अंतर्गत 30 स्कूलों तथा संकुलों में बच्चों और समुदाय सदस्यों के समक्ष विभिन्न पठन गतिविधियों का आयोजन करेगी। इन गतिविधियों के माध्यम से स्कूली बच्चों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित किया जाएगा और उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत लक्षित समुदाय सदस्यों को इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अभियान में पठन कौशल बुनियादी साक्षरता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसी उद्देश्य से एससीईआरटी और रूम टु रीड ने इस वर्ष भी ‘पठन अभियान’ के तहत बच्चों में पढ़ने की आदतों को विकसित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। पठन अभियान के दौरान स्कूलों और समुदायों में विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम का हिस्सा बन सकें।
ये भी पढ़ेः Chhattisgarh में HC और सभी ज़िला कोर्ट के लिये ऑनलाइन RTI पोर्टल
इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में 6 सप्ताह की योजना बनाई गई है, जिसमें पठन, लेखन, चित्रकला और सामुदायिक सहभागिता जैसी रोचक सीखने की गतिविधियां शामिल हैं। मोबाइल लाइब्रेरी वेन बच्चों को किताबों और पढ़ने की सामग्री उपलब्ध कराएगी और उन्हें पठन के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन करेगी।
इस अभियान के माध्यम से बुनियादी साक्षरता को बढ़ावा देने और पठन कौशल को बच्चों में मजबूती से स्थापित करने की उम्मीद की जा रही है। पठन अभियान के दौरान विविध गतिविधियों के माध्यम से स्कूल तथा समुदायों में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ पठन के प्रति जागरूकता पैदा करना भी इसका लक्ष्य होगा।