सूर्यांश सिंह, ख़बरीमीडिया
Dwarka Expressway: जो लोग रोज़ाना दिल्ली से गुरुग्राम जाते हैं ये खबर उनके लिए है.. केंद्रीय भूतल सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस साल के भीतर द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा कराने का दावा किया था। लेकिन गुरुग्राम भाग के भी दिसंबर (December) तक चालू होने की उम्मीद नहीं। गुरुग्राम (Gurugram) भाग में कई जगह निर्माण कार्य बाकी है वहीं, गुरुग्राम सीमा से आगे यानी दिल्ली इलाके में निर्माण कार्य अधूरा होने से वाहन आगे जा नहीं सकते।
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ऐसे में गुरुग्राम वाले हिस्से को चालू करने का विशेष लाभ नहीं मिलेगा। जानकार बताते हैं कि यदि दिल्ली इलाके (Delhi Locality) में फिलहाल द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम भाग को नजफगढ़-बिजवासन रोड से जोड़ दिया जाए तो वाहन आगे निकल जाएंगे। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (Delhi-Gurugram Expressway) पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक किया जा रहा है।
4 भागों में बांटा गया प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट को 4 भागों में बांटा गया है। 2 भाग गुरुग्राम इलाके में है, जबकि 2 भाग दिल्ली इलाके में है। गुरुग्राम इलाके के दोनों भागों को मई में ही चालू करने का लक्ष्य रखा गया था। पूरा प्रोजेक्ट यानी गुरुग्राम से दिल्ली तक इस साल के दौरान पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इसकी घोषणा स्वयं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ महीने पहले एक्सप्रेसवे (Expressway) के निरीक्षण के दौरान बातचीत में की थी।
दिसंबर तक चालू होने की उम्मीद नहीं
पूरे प्रोजेक्ट की बात दूर गुरुग्राम भाग के भी दिसंबर तक चालू होने की उम्मीद नहीं। अभी धनवापुर (Dhanwapur) के सामने अंडरपास का निर्माण पूरा होने में समय लगेगा। दौलताबाद के सामने निर्माण कार्य चल रहा है। सेक्टर 106 के सामने भी निर्माण कार्य अधूरा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यदि गुरुग्राम भाग का निर्माण पूरा भी कर लिया जाए तो जब तक गुरुग्राम सीमा से आगे यानी दिल्ली इलाके में वाहनों के निकास की व्यवस्था नहीं होती तब तक कोई लाभ नहीं।
द्वारका एक्सप्रेसवे वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष याशीश यादव (Yashish Yadav) ने कहा है कि एनएचएआई की कार्यशैली से लोगों को बहुत निराशा हाथ लगी है। एक बार नहीं कई बार लक्ष्य निर्धारित किया गया। एनएचएआई गुरुग्राम सीमा से आगे दिल्ली सीमा में द्वारका एक्सप्रेसवे को फिलहाल नजफगढ़-बिजवासन रोड से जोड़कर गुरुग्राम भाग को चालू कर दे।
पढ़िए नजर में पूरा प्रोजेक्ट
द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे है।
18.9 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम में जबकि 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में है।
23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) होगा।
काम तेजी से हो इसके लिए गुरुग्राम एवं दिल्ली के हिस्से को दो-दो भाग में बांटा गया है।
गुरुग्राम के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास है।
दिल्ली के दोनों भागों के निर्माण की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पास है।
दिल्ली में पहला भाग गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है।
दिल्ली में दूसरा भाग बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है।
गुरुग्राम इलाके में पहला भाग खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से बसई-धनकोट के नजदीक तक है।
गुरुग्राम में दूसरा भाग बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक 10.2 किलोमीटर का है।
दिल्ली एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए द्वारका इलाके में 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे का एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है।
दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल होगा, जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक।
20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल होने का अनुमान है जो बुर्ज खलीफा की तुलना में 6 गुना अधिक।
इस प्रोजेक्ट से 10 लाख लोगों को सीधा फायदा
प्रोजेक्ट के चालू होने से लगभग 10 लाख लोगों को सीधा लाभ होगा। यही नहीं दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से 40 प्रतिशत तक ट्रैफिक का दबाव कम होने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे एवं सदर्न पेरिफेरल रोड (एसपीआर) से जोड़ने के लिए खेड़कीदौला के नजदीक फुल क्लोवरलीफ फ्लाईओवर का निर्माण किया गया है। एसपीआर एक तरफ जहां गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड से जुड़ा है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे से जुड़ा है।