NBCC ने Supertech के अधूरे प्रोजेक्ट को 12-36 महीने में पूरा करने की बात कही।
Supertech: ग्रेटर नोएडा से लेकर गुरुग्राम..सुपरटेक के फ्लैट खरीदारों को NBCC ने अच्छी खबर दे दी। सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अपने 7 सितम्बर के प्रस्ताव पर होम बॉयर, ऑथोरिटी और बैंको के सुझाव मिलने के बाद अपने प्रस्ताव में सुधार किये और और घर खरीददारों की चिंताओं को दूर करते हुए NCLAT कोर्ट में संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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एनबीसीसी ने स्पष्ट किया है कि सभी 17 परियोजनाओं को एक साथ पूरा करने के लिए 12 से 36 महीने की समयसीमा लागू होती है एनबीसीसी की प्राथमिक चिंता सुपरटेक लिमिटेड के तनावग्रस्त होमबॉयर्स को समय पर घर देना है है, और निर्माण गुणवत्ता के उच्च मानकों को सुनिश्चित करना है।
एनबीसीसी ने घर खरीददारों की nclat कोर्ट में सुपरटेक परियोजनाओं के लिए फोरेंसिक ऑडिट की प्रार्थना का समर्थन किया है। घर खरीददारों की पुष्टि करने के लिए कोर्ट कमेटी द्वारा वेब पोर्टल पर दस्तावेजों के साथ आवंटन और भुगतान का विवरण अपलोड करने के लिए आवंटियों को उचित आदेश जारी करने का भी सुझाव दिया है। एनबीसीसी, एक नवरत्न सीपीएसई (केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम) और एक सरकार समर्थित इकाई होने के नाते, परियोजना प्रबंधन और उसको पूरा करने में विशेषज्ञता और विश्वसनीयता से परिपूर्ण है।
घर खरीदारों से किए गए वादों को पूरा न करने के कारण सुपरटेक लिमिटेड को लेकर घर खरीददारों में भारी अविश्वास है। प्रोजेक्ट पूरा होने में लंबे समय से हो रही देरी के कारण ग्राहकों का सुपरटेक लिमिटेड में भरोसा खत्म हो गया है।
एनबीसीसी का लक्ष्य घर खरीदारों में विश्वास बहाल करना, समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना और वित्तीय और कानूनी जटिलताओं को हल करना है, जिससे घर खरीदने वालों और इसमें शामिल अन्य हितधारकों के हितों की रक्षा की जा सके। एनबीसीसी, न्यायालय समिति द्वारा परियोजना अनुमोदन के 90 दिनों के भीतर निविदा प्रक्रिया पूरी करेगा। एनबीसीसी ने निर्माण गतिविधियों को शुरू करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक धनराशि की सुविधा के लिए हुडको, कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी जैसे प्रमुख वित्तीय संस्थानों के सहयोग से व्यवस्था करेगा।
एनबीसीसी ने पुष्टि की, परियोजना प्रबंधन सलाहकार और मार्केटिंग शुल्क से मौजूदा घर खरीदारों के लिए बीबीए से अधिक वृद्धि नहीं होगी, जो की आईआरपी द्वारा प्रदान की गई जानकारी आधारित है। एनबीसीसी ने स्पष्ट रूप से कहा गया है कि दोष देयता अवधि 2 साल की अवधि के लिए आईआरपी को फ्लैटों/यूनिटों को सौंपने की तारीख से शुरू होगी। एनबीसीसी यह भी स्पष्ट करते हैं कि उपरोक्त टिप्पणियाँ “इकोविलेज II परियोजना” पर समान रूप से लागू होगी। सभी परियोजनाओं के लिए निर्माण पूरा होने के बाद बची अतिरिक्त राशि, विभिन्न प्राधिकरणों, वित्तीय संस्थानों और अन्य संबंधित एजेंसियों को बकाया भुगतान के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है।
एनबीसीसी भवन योजनाओं में उल्लिखित और परियोजना विवरणिका में बताए गए निर्देशों का पालन करेगा। एनबीसीसी ने कहा है कि रुकी हुई परियोजनाओं की निर्माण गतिविधियां शुरू होने और घर खरीदारों और हितधारकों का विश्वास बहाल होने के बाद सुपरटेक लिमिटेड के बिना बिके घरो को बाजार मूल्य पर बेच कर पैसा लाया जाएगा। प्रत्येक परियोजना के पूरा होने पर, एनबीसीसी को प्रतिष्ठित सलाहकारों जैसे एनआईटी/आईआईटी आदि द्वारा तीसरे पक्ष के द्वारा गुणवत्ता जांच करानी होगी, जिसके बाद पूर्ण फ्लैट/इकाइयां आईआरपी को सौंप दी जाएंगे। एनबीसीसी परियोजना के पूरा होने की तारीख से 2 साल की अवधि के लिए संचालन और रखरखाव की पेशकश कर सकता है।
सभी प्रोजेक्ट को अलग अलग करके परियोजनाओं की निर्माण लागत, भूमि प्राधिकरण का बकाया और वित्तीय संस्थान का बकाया, पूरा करना संभव नहीं होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड और फ्लैट खरीदारों की ओर से की गई दलीलें पर एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने स्पष्ट किया है भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत कोई आदेश पारित करना आवश्यक हो तो एनसीएलएटी द्वारा अपने प्रस्ताव के संदर्भ में पारित आदेशों को लागू करने और निष्पादित करने में तेजी लाई जा सके।
एनबीसीसी ने परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में आम्रपाली की लंबित परियोजनाओं को पूरा किया है । एनबीसीसी ने स्पष्ट किया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों और बैंकों के बकाए का भुगतान न करना घर खरीदारों द्वारा फ्लैटों पर कब्जे के रास्ते में नहीं आ सकता है न ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों और बैंक घरो को बेच सकते है। एनबीसीसी कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट कोर्ट कमेटी को देगी और आवंटियों द्वारा किए गए प्रश्नों पर उत्तर देने के लिए कोर्ट कमेटी जिम्मेदार होगी।
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सुपरटेक के विभिन्न प्रोजेक्ट में में पिछले 15 साल से घर का इंतज़ार रहे घर खरीददारों ने एनबीसीसी के नए प्रस्ताव का स्वागत किया है, इकोविलेज 3 में 2010 में घर खरीदने वाले आयोग रस्तोगी ने कहा के यह घर खरीददारों के घर के सपने को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम है, अब हम NCLAT कोर्ट से आशा करते है के आगामी 21 नवंबर को कोर्ट एनबीसीसी को प्रॉजेक्ट हैंडओवर कर दे जिससे घर खरीददारों को जल्दी से जल्दी घर मिल सके।