Navratri 2024 : अगर आप भी हैं नवरात्रि में व्रत तो पढ़ लीजिए यह जरूरी खबर
Navratri 2024: अगर आप भी नवरात्रि में उपवास रख रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) 9 दिनों तक चलने वाला उत्सव है। इन 9 दिनों के दौरान पूरे भारत और दुनिया भर के भक्त देवी दुर्गा और उनके 9 दिव्य रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल यह 3 अक्टूबर 2024 को शुरू हुआ है और 12 अक्तूबर तक चलेगा। अलग-अलग जगह के लोग इस पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं जैसे-कई लोग इस दौरान 9 दिनों तक उपवास करते हैं। उपवास के दौरान लोग अनाज खाने से बचते हैं। अनाज की जगह फल और जूस पीते हैं।
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यह आपके स्वास्थ्य या धार्मिक या नैतिक उद्देश्यों के लिए हो सकता है। उपवास रखने वाले लोगों द्वारा बताई जाने वाली एक आम समस्या एसिडिटी है। इसको लेकर जब विशेषज्ञ से बातचीत में पूंछा गया कि क्या दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और लक्षणों को कम करने के लिए क्या किया जा सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से….
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डिटॉक्स होता शरीर
व्रत करने से शरीर नैचुरल तरीके से डिटॉक्स होता है। जब हम खाने से 10 दिन तक बचते हैं या उपवास रखते हैं तो शरीर अपने आप डिटॉक्स (Detox) होने लगता है। इससे लिवर, किडनी और शरीर के दूसरे ऑर्गन भी नैचुरल तरीके से साफ हो जाते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उपवास ऑटोफैगी को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा प्रोसेस जिसमें शरीर क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को समाप्त करता है और स्वस्थ कोशिकाओं को फिर से बनाता है, जो पूरे शरीर के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है।
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बेहतर मेटाबॉलिज्म
उपवास करने से चयापचय (Metabolism) को भी बढ़ावा मिलता है। जब आप व्रत रहते हैं तो आपका शरीर एनर्जी के लिए ग्लूकोज का प्रयोग करने के बजाय फैट जलाने लगता है, जिससे चयापचय बहुत अच्छे से फंक्शन करता है। एक शोघ के अनुसार रुक-रुक कर उपवास करने से इंसुलिन (Insulin) में सुधार हो सकता है, जिससे शरीर के ब्लड में शुगर लेवल ठीक से काम करता है।
वजन भी हो सकता है कम
उपवास कैलोरी की मात्रा को सीमित करता है, इसलिए यह नैचुरल तरीके से वजन कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, रुक-रुक कर उपवास करने से मांसपेशियों के द्रव्यमान से समझौता किए बिना शरीर के वजन और शरीर की चर्बी में कमी आ सकती है। नवरात्रि में 9 दिनों का उपवास, जब सही तरीके से किया जाता है, तो आपको उन अतिरिक्त किलो को कम करने और स्वस्थ तरीके से वसा कम करने में सहायता कर सकता है।
मेंटल हेल्थ होता है बेहतर
उपवास से मात्र शरीर को ही लाभ नहीं मिलता है बल्कि यह हमारे मस्तिष्क (Brain) के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि रुक-रुक कर उपवास करने से संज्ञानात्मक कार्य, याददाश्त और मनोदशा में सुधार हो सकता है। फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उपवास करने से मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफ़िक कारक (BDNF) का उत्पादन बढ़ने लगता है, जो हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और अल्जाइमर जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचाता है।
सूजन में भी आती है कमी
क्रोनिक सूजन कई बीमारियों से जुड़ी है, जिसमें हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर शामिल हैं। व्रत शरीर में सूजन को कम करने में सहायता करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि रुक-रुक कर उपवास करने से सूजन के मार्करों का स्तर कम हो जाता है, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव और क्रोनिक सूजन में कमी आती है।