नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
ये ख़बर दिल्ली-NCR के उन तमाम लोगों के लिए जो कहीं ना कहीं आवारा कुत्ते के काटने का शिकार हुए हैं। गुरुग्राम से आए आंकड़े वाकई हैरान करने वाले हैं।
ये भी पढ़ें: सुपरटेक इकोविलेज-1 के ‘टारजन’..बच्चों-बुजुर्गों को दे रहे हैं टेंशन
गुरुग्राम में तकरीबन 1600 से अधिक लोग कुत्तों के आतंक का शिकार हो चुके हैं। इन लोगों के उपर लावारिस कुत्तों के द्वारा हमला किया गया है। ये बात नगर निगम की तरफ से उच्च न्यायालय में दाखिल किए गए हलफनामे में कही गई है। वहीं नगर निगम में अबतक 17 हजार से भी ज्यादा लावारिस कुत्तों का टीकाकरण किया है। इसके बावजूद रोड पर इन कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ये भी पढ़ें: नोएडा एक्सटेंशन की इस सोसायटी में मासूम पर ‘डॉग अटैक’
गुरुग्राम में रह रहे लोगों ने बताया है कि इन लावारिस कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाओं में वृद्धि हुई है उसके पीछे का सबसे बड़ा कारण डॉग लवर है। ये डॉग लवर खाना डालने के लिए कॉलोनी, मुख्य बाजार और यहां तक कि मुख्य रास्ते तक को नहीं छोड़ते हैं।
कुत्तों के आतंक को खत्म करने के लिए नगर निगम ने कौन कौन से स्टेप अबतक नहीं उठा लिए हैं, इस विषय को अदालत के समक्ष रखने के लिए उच्च न्यायालय ने 28 अगस्त को नगर आयुक्त को खुद होकर इस विषय में अवगत कराने के लिए कहा है। इससे पहले हरियाणा और पंजाब के उच्च न्यायालय ने शहर में लावारिस कुत्तों के काटने की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बाद भी नगर निगम के द्वारा लावारिस कुत्तों के बढ़ते खतरे को कम करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयासों को छलावा करार दे दिया था।
नगर निगम ने अदालत में दिए हलफनामे में ये कहा है की उनके रिकॉर्ड में शहर में 17 हजार लावारिस कुत्ते हैं। इनमें से पिछले तीन वर्ष में 17195 कुत्तों का अबतक टीकाकरण हो चुका है। कुत्ता काटने की अबतक कुल 1670 घटनाएं नगर निगम में दर्ज है।
डॉग लवर भी हो सकता है मुख्य कारण
लोगों का ये भी मानना है कि लावारिस कुत्तों द्वारा लोगों को काटने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी होने का एक मुख्य कारण डॉग लवर भी हैं। ये लोग कुत्ते को खाना खिलाने के लिए कॉलोनी, मुख्य बाजार और यहां तक कि मुख्य मार्ग तक नहीं छोड़ते हैं। और यदि मना करो तो लड़ाई शुरू कर देते हैं। इसके बाद खाना खाने के लिए कुत्ते एक साथ इकट्ठा होकर पहुंच जाते हैं और जब कोई व्यक्ति निकल रहा होता है तो ये उन्हें काट लेते हैं।
इन कुत्तों का व्यवहार कई वजहों से हिंसक हो सकता है, इन लावारिस कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी का काम किया जाता है। इसलिए हमारे शहर के लोगों से ये अपील है अगर उनके क्षेत्र में कहीं कुत्ते ही हिंसक घटनाएं हो रही हैं, तो अवश्य सूचित किया जाए।