MP Budget 2024

MP Budget 2024: मोहन सरकार के बजट की 7 बड़ी बातें जिससे जनता को होगा सीधा फायदा

मध्यप्रदेश राजनीति
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MP Budget 2024: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने अपने सरकार का पहला बजट पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के इस बजट में युवा और महिला वर्ग के साथ ही आम लोगों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बार मेडिकल फील्ड स्टूडेंट्स (Medical field students) और आम लोगों की सेहत का विशेष ध्यान देते हुए मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने स्वास्थ्य विभाग पर खूब पैसों दिए हैं। स्वास्थ्य के लिए साल 2024-25 के लिए 21,444 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, आपको बता दें कि यह पिछले साल के बजट से करीब 34 फीसदी ज्यादा है। आपको हम बता रहे हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की 7 बड़ी बातें ….

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नहीं लगा कोई नया टैक्स

मोहन सरकार के बजट की सबसे अच्छी बात यह है कि मोहन सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया और ना ही किसी टैक्स में बढ़ोत्तरी की है।

शुरू हुई ये नई सुविधाएं

मोहन सरकार (Mohan Sarkar) के बजट में पीएम ई-बस योजना से भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में 552 ई-बसें चलेंगी।
अस्पतालों में निधन होने के बाद शव को अब घर तक सम्मानजनक तरीके से पहुंचाने के लिए शांति वाहन की सुविधा भी शुरू की जाएगी।

मेडिकल फील्ड के साथ जन स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

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इस बजट में अस्पतालों में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड लागू कर 46 हजार पदों पर भर्ती आयुष्मान भारत योजना में नवीन हेल्थ बेनिफिट पैकेज
1000 नए अस्पताल संबद्ध निजी-भागीदारी से वेट लीज मॉडल में 132 और हब एण्ड स्पोक मॉडल से ग्रामीण क्षेत्रों में 45 जांच सुविधा की शुरुआत होगी।
गंभीर रोगियों को तुरंत इलाज देने के लिए पीएमश्री एयर ए्बुलेंस सेवा पार्थिव शरीर घर तक पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश शांति वाहन सेवा शुरू किया जाएगा।
आयुर्वेदिक चिकित्सा को बढ़ाने के लिए बालाघाट, शहडोल, सागर, मुरैना और नर्मदापुरम में नए आयुर्वेद अस्पताल और प्रदेश में 800 आयुष आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे।
इसके साथ ही नए मेडिकल के साथ सीटें भी बढ़ाई जाएंगी।
2024-25 में 3 नए कॉलेज मंदसौर, नीमच और सिवनी में। इसके बाद अगले 2 सालों में 8 और कॉलेज खोलने का संकल्प कॉलेजों में 2275 स्नातक और 1262 स्नातकोत्तर सीटों को बढ़ाकर 3605 व 1507 करेंगे।

हर जिले में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज

एमपी के हर जिले में एक महाविद्यालय को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में उन्नयन किया जाएगा, जिससे 2 हजार से अधिक नए पदों का सृजन होगा।
खरगौन, गुना और सागर में शासकीय विश्वविद्यालयों के साथ ही 2 प्राइवेट यूनिवर्सिटी की स्थापना से उच्च शिक्षा के मार्ग सुगम होंगे।
विश्व बैंक के सहयोग से 247 कॉलेजों में 244 करोड़ के बजट से भौतिक एवं अकादमिक अधोसंरचना विकास।

स्कूली शिक्षा भी होगी और बेहतर

सीएम राइज में 2 किमी दूर से आने वाले बच्चों को मिलेगी स्कूल बस की सेवा।
जनजातीय छात्रों के लिए नए छात्रावास खोले जाएंगे।
स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के साथ गणवेश स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

मिलेगा खूब रोजगार, 39 फीसदी बजट बढ़ाया

प्रदेश में नए रोजगार सृजित करने के लिए सरकार ने पिछले बजट 3014 करोड़ की तुलना में इस बार 4191 करोड़ किया है।
प्रदेश के 1104 नए स्टार्टअप को मान्यता जिनमें 666 महिला, 16 नए इनक्यूबेटर सेंटरों की स्थापना हुई है।
स्कूल-कॉलेज और पुलिस से लेकर कई विभागों में शुरू होंगी भर्तियां, कुल मिलाकर रोजगार देने वाला बजट।
2023-24 में विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं अंतर्गत करीब 21 लाख हितग्राहियों को रुपए 14 हजार 500 करोड़ की ऋण राशि दी गई।
औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग को 2,820 करोड़ बजट सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग- 1,218 और कुटीर उद्योग को 153 करोड़ हथकरघा और हस्तशिल्प के लिए उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी उन्नयन के लिए सहायता मिलेगी।
इसके साथ ही जनजातीय बटालीयन बनाई जाएगी।
कौशल विकास में एआइ, मशीन लर्निंग, कोडिंग आधारित शिक्षा 22 नए आइटीआइ से 5280 सीटों में वृद्धि की जाएगी। छिंदवाड़ा, देवास, धार में ग्रीन स्किलिंग में सोलर और इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक पाठ्यक्रम।

लाडली बहनों और महिलाओं के साथ ही बेटियों का भी ध्यान

एमपी सरकार ने अपने पहले बजट में गरीब परिवार की बेटियों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अनुसार होने वाली शादियो के लिए साल 2024-25 के लिए इस बार तीन गुना बजट रखा है, पिछली बार 75 करोड़ था जिसे बढ़ाकर 250 करोड़ कर दिया है। यह राशि गरीब कन्याओं के विवाह पर खर्च होगी।
लाड़ली बहनों के दिन और अच्छे होंगे। हर माह खाते में आते रहेंगे पैसे।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए 18984 करोड़।
लाड़ली लक्ष्मी के लिए 1231 करोड़।
महिलाओं को सशक्त बनाने को 26860 करोड़
लखपति दीदी पर फोकस, जेंडर बजट में महिलाओं के लिए 1.21 लाख।
महिला स्व-सहायता समूहों को बड़े बाजारों से जोडऩे के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 800 करोड़ का प्रावधान।