AajTak Sabarkantha News: लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा.. गुजरात..बीजेपी (BJP) के लिए देश का बड़ा गढ़ माना जाता है। मौजूदा समय में सत्ता की बागड़ोर भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) के हाथ में है। वैसे प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का सीधा ताल्लुक यहीं से है। इसीलिए गुजरात (Gujarat) की सीटों पर पूरे देश की नज़र रहती है। लोकसभा चुनाव को लेकर भी यहां हलचल तेज है। यही वजह है कि आजतक (AajTak) की टीम दर्शकों का चुनावी मिज़ाज़ जानने के लिए साबरकांठा पहुंच गई।
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आजतक की टीम जब साबरकांठा (Sabarkantha) पहुंची तो यहां ढ़ोल और गाजे बाजे के साथ उनका स्वागत हुआ। आजतक की सीनियर एंकर अंजना ओम कश्यप ने जब सवाल पूछने शुरू किए तो यहां पूरी तरह से बीजेपी के पक्ष में माहौल दिखाई दिया। आजतक के इस कार्यक्रम में छात्र काफी संख्या में उपस्थित थे, जो कांग्रेस पर जमकर हमलावर होते दिखाई दिए।
यहां आए छात्रों ने रूस यूक्रेन वार में छात्रों की भारत वापसी को लेकर खुशी जाहिर करते हुए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया। साथ ही छात्रों ने यह भी कहा कि शिक्षा के लिए मोदी सरकार ने बहुत काम किया लेकिन अभी और काम करने की जरूरत है। एक छात्र ने तो यह भी कहा कि आज के छात्र किसी के बहकावे में नहीं आने वाले हैं जिनके पास 2047 का प्लान है सब उन्हीं के साथ हैं।
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तो वहीं मौजूद लोगों ने कहा कि 500 साल बाद राम मंदिर बना है, हजारो किलोमीटर की सड़क कनेक्टविटी मिली है, गुजरात के साथ पूरे देश की जनता खुश है और बीजेपी इस बार प्रचंड बहुमत पाने जा रही है। बुलेट ट्रेन भी इस जिले से जाने वाली है। मोदी जी के राज में विकास कार्य तेजी से हो रहा है।
साबरकांठा का राजनीतिक समीकरण
इसी गुजरात का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है साबरकांठा। साबरकांठा गुजरात राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है। जिले का प्रशासनिक मुख्यालय अहमदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूर हिम्मतनगर है। साबरकांठा जिला उत्तर पूर्व में राजस्थान राज्य, पश्चिम में बनासकांठा और मेहसाणा जिले, दक्षिण में गांधीनगर और दक्षिण-पूर्व में अरावली जिले से घिरा हुआ है।
साबरकांठा जिले की पश्चिमी सीमा पर साबरमती नदी बहती है। कर्क रेखा इस जिले से होकर गुजरती है। साबरकांठा जिले में स्थित पोलो फॉरेस्ट नेचर और एडवेंचर को पसंद करने वालों के लिए एक अच्छा पर्यटक स्थल है। पोलो गुजरात के सबसे प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यह अपनी हरियाली, जंगल और मिलों के लिए प्रसिद्ध है।
जानिए इस सीट का इतिहास
1951 में इस लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। गुलजारी लाल नंदा को इस लोकसभा क्षेत्र से पहला सांसद बनने का गौरव मिला था। इसके बाद लगातार दो और चुनाव जीते। 1967 के चुनाव में कांग्रेस को पहली बार यहां हार मिली, जब स्वतंत्र पार्टी की लहर चली और सी.सी देसाई ने परचम लहराया था। इसके बाद 1971 में कांग्रेस के दूसरे धड़े यानी NCO को यहां से जीत मिली। 1977 में भारतीय लोकदल की हवा चली, लेकिन 1980 में फिर कांग्रेस ने वापसी की थी। यह गुजरात की उन सीटों में शुमार है जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच टक्कर रहती रही है, हालांकि 2009 के बाद से यहां लगातार बीजेपी काबिज है।
2019 का जनादेश
बीजेपी के दीपसिंह राठौड़ ने कांग्रेस के राजेंद्रसिंह शिवसिंह को हराया। बात करें लोकसभा चुनाव 2014 की तो लोकसभा चुनाव 2014 में दीप सिंह राठौड़, बीजेपी ने कांग्रेस के शंकर सिंह वाघेला को हराया।