CM Mohan Yadav

भोपाल में 2027 तक दौड़ेगी मेट्रो..CM मोहन यादव का बड़ा ऐलान

मध्यप्रदेश राजनीति
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MP News: मध्य प्रदेश के लोगों के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने बड़ा ऐलान कर दिया है। भोपाल के लोग भी जल्द ही मेट्रो में सफर कर पाएंगे। आपको बता दें कि सीएम मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने भोपाल और इंदौर मेट्रो का रिव्यू किया। उन्होंने अब तक हुए काम का प्रजेंटेशन देखा और प्रोजेक्ट के अगले कामों पर मंत्री और अधिकारियों से बातचीत की।
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Pic Social Media

भोपाल (Bhopal) में साल 2027 तक एक फेज (From AIIMS to Karond) का काम पूरा हो जाएगा। एम्स से सुभाषनगर प्रॉयोरिटी कॉरिडोर का काम लगभग 90% तक पूरा कर लिया गया है, जबकि अब दूसरे फेज सुभाषनगर से करोंद रूट का काम जल्द ही शुरू होना है। सीएम डॉ. यादव ने इस फेज की समीक्षा की।

यह बैठक में सीएम निवास (CM Residence) स्थित समत्व भवन में हुई। मीटिंग में नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री प्रतिभा बागरी, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी सीबी चक्रबर्ती समेत भोपाल और इंदौर के अधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में इंदौर मेट्रो को लेकर भी चर्चा हुई। यहां 17 किलोमीटर का काम हो रहा है।

मेट्रो में हर दिन इतने यात्रि कर सकेंगे सफर

मीटिंग में बताया गया कि सुभाष नगर से करोंद का काम शुरू किया जाएगा। संपूर्ण प्रोजेक्ट साल 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। साल 2031 तक साढ़े चार लाख लोग प्रतिदिन मेट्रो में सफर करेंगे। इंदौर मेट्रो का काम 40 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। भोपाल में 27 और इंदौर में 25 मेट्रो ट्रेनें चलाई जाएंगी। मेट्रो स्टेशन पर महिलाओं, दिव्यांगजनों का विशेष ध्यान रखते हुए यात्रियों को अनेक सुविधाएं मिलेंगी।

जानिए, भोपाल मेट्रो के सुभाष नगर-करोंद रूट के बारे में

सुभाष नगर (Subhash Nagar) से करोंद के बीच 8.77Km लाइन बिछेगी। जिन जगहों पर पिलर खड़े होंगे, वहां मिट्‌टी की टेस्टिंग भी शुरू कर दी गई है। ICAR (भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान) के ठीक सामने मेट्रो का पहला पिलर बनेगा। सड़क के इस हिस्से को आसपास से कवर किया गया है। सुभाष नगर से करोंद के बीच 8.77Km में से 3.39 Km लंबा रूट अंडरग्राउंड रहेगा।

मेट्रो की ऑरेंज लाइन

भोपाल में मेट्रो की ऑरेंज लाइन यानी एम्स से करोंद तक का रूट कुल 14.99 Km लंबा है। इसमें सुभाष नगर से एम्स के बीच 6.22 Km का प्रायोरिटी कॉरिडोर है। 8 में से 5 स्टेशनों के बीच अक्टूबर 2023 में ट्रायल रन हुआ था। रानी कमलापति, सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी के सामने और एमपी नगर के स्टेशनों का काम 90% से ज्यादा पूरा हो चुका है।

एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस स्टेशनों का सिविल वर्क पूरा हो चुका है, जबकि फिनिशिंग से जुड़े काम निपटाए जा रहे हैं। वहीं, डीआरएम ऑफिस चौराहे पर स्टील ब्रिज का निर्माण हो रहा है। रेलवे ट्रैक के ऊपर से भी ब्रिज गुजरेगा। इसके लिए रेलवे से ब्लॉक मांगा गया है। दूसरी ओर, ट्रेन अपने अधिकतम स्पीड में भी दौड़ चुकी है।

भोपाल में अब तक आ गयी 5 मेट्रो

गुजरात के सांवली (बड़ोदरा) से भोपाल में कुल 5 मेट्रो आ चुकी है। इनका 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से स्पीड ट्रायल भी हो चुका है। हर दिन मेट्रो को ट्रैक पर दौड़ाया जा रहा है।

मेट्रो सेकेंड फेज 2 के बारे में जानिए

प्रोजेक्ट1- 650 करोड़ में 6 स्टेशन बनेंगे

सुभाष नगर डिपो से करोंद तक के रूट में कुल 2 फेज में काम होगा। कुल 8.77 Km में से 5.38 Km हिस्से में 6 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इसमें 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यूआरसी कंस्ट्रक्शन यह काम करेगी। यही कंपनी सुभाष नगर, डीबी मॉल, एमपी नगर, केंद्रीय स्कूल, आरकेएमपी, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस और एम्स स्टेशनों का काम भी कर रही है। मिट्‌टी की टेस्टिंग भी शुरू हो गई है।

प्रोजेक्ट2- 890 करोड़ रुपए में अंडरग्राउंड रूट होगा तैयार

8.77 Km के रूट में 3.39 किलोमीटर रूट अंडरग्राउंड होगा। इसमें 2 मेट्रो स्टेशन भोपाल रेलवे स्टेशन व नादरा बस स्टैंड भी रहेंगे। यह काम अलग कंपनी करेगी। इसके लिए मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी, कलेक्टर और निगम कमिश्नर समेत अफसरों के बीच मीटिंग हो चुकी है।

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कब पूरा करना है: काम शुरू होने के बाद साढ़े 3 साल में पूरा करने का टारगेट रहेगा। मेट्रो की दोनों लाइन का यह अकेला अंडरग्राउंड हिस्सा रहेगा।

यहां से अंडरग्राउंड गुजरेगी मेट्रो: सुरंगें सिंधी कॉलोनी, ऐशबाग क्रॉसिंग से होती हुई भोपाल स्टेशन और नादरा बस स्टैंड को स्टेशनों के माध्यम से जोड़ेगी।

रेलवे ट्रैक और मेन रोड पर दो स्टील ब्रिज का हो रहा है काम

भोपाल में मेट्रो के लिए 103 मीटर लंबे दो स्टील ब्रिज बनाए जा रहे हैं। डीआरएम ऑफिस में पहले 48 मीटर लंबे ब्रिज का काम पिछले तीन महीने से चल रहा है। 65 मीटर लंबा दूसरा ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर से गुजरेगा। इसके लिए रेलवे से अप्रूवल अभी नहीं मिली है। दूसरी ओर, सड़क के ऊपर जो ब्रिज बनना है, उसका स्ट्रक्चर पूरा हो गया है। ये ब्रिज राजस्थान के अलवर में बने हैं। ये दिल्ली मेट्रो जैसे ही डिजाइन किए गए हैं।