Mental Health: ऊंचाई से लगता है डर, तो हो सकती है यह बीमारी, पढ़िए लक्षण और बचने के उपाय
Mental Health: अगर आपको भी उंचाई पर जाने से डर लगता है तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए। आपको बता दें कि बहुत से लोगों को पहाड़ पर चढ़ना या फिर ऊंचाई से नीचे की ओर देखना काफी डरावन लगता है, यह ऊंचाई से डरना लोगों में एक भयानक खौफ (Terrible horror) भी पैदा कर सकता है। इसी डर को मेडिकल की भाषा में एक्रोफोबिया (Acrophobia) के नाम से जानते हैं। बता दें कि यह एक मानसिक स्थिति (Mental Condition) है, जिसमें व्यक्ति के अंदर एक गहरा डर पैदा हो जाता है और जब भी वह किसी ऊंचे स्थान पर जाता है तो उसे चक्कर आने लगता है, पूरा शरीर कांपने लगता है और घबराहट होने लगती है। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जिन्हें ऊंचाई पर जाने से पैनिक अटैक (Panic Attack) भी आ जाता है।
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यह बीमारी एक्रोफोबिया (Acrophobia) बहुत लोगों को होती है। जर्नल ऑफ एंग्जाइटी डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। वहीं, जिन लोगों को एंग्जाइटी की समस्या होती है, उनमें भी एक्रोफोबिया के लक्षण दिखाई देने लगता है। ऊंचाइयों से जुड़े दर्दनाक अनुभव जैसे गिरना, दुर्घटनाएं, या किसी और को ऊंचाई से संबंधित दर्दनाक घटना का अनुभव करते देखने के कारण भी एक्रोफोबिया हो सकता है।
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जानिए क्या हैं एक्रोफोबिया के लक्षण
एक्रोफोबिया (Acrophobia) बीमारी में शारीरिक और मानसिक दोनों ही लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों में चक्कर आना या हल्का सिरदर्द, दिल की धड़कन बढ़ना, पसीना आना, कांपना, मतली या पेट में तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, मुंह का सूखना और बेहोशी या कमजोरी महसूस होना एक्रोफोबिया के शारीरिक लक्षण शामिल है।
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ऊंचाई पर जाने या ऊंचाई के बारे में सोचने पर भी डर या घबराहट होने लगती है, चिड़चिड़ापन या उत्तेजना, अलगाव की भावना और अति सतर्कता एक्रोफोबिया के मानसिक लक्षण इसके प्रमुख लक्षण हैं।
एक्रोफोबिया से ऐसे पाएं छुटकारा
इस बीमारी की प्रकृति को जानना और यह आपके मन और शरीर को कैसे प्रभावित करती है यह समझना आवश्यक है। डर के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं के साथ-साथ इस स्थिति के बारे में आम गलतफहमियों के बारे में जानना जरूरी है।
एक्रोफोबिया बीमारी से छुटाकार पाने के लिए खुद को ऊंचाइयों के संपर्क में लाने का प्रयास करें। जैसे कि एक छोटी सी सीढ़ी पर खड़े होना या कम ऊंचाई वाली बालकनी से नीचे देखना। इससे आपका डर धीरे धीरे कम होगा।
डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन एक्रोफोबिया बीमारी को कम करने में सहायक है। इसलिए हर दिन इन्हें करने की आदत डालें।
ऊंचाई के बारे में नकारात्मक विचार एक्रोफोबिया को बढ़ाते हैं, इसलिए गिरने के बारे में बिलकुल भी न सोचें और अपना ध्यान सकारात्मक चीजों पर लगाएं।
संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा या सी.बी.टी. से भी एक्रोफोबिया का इलाज किया जा सकता है। इसे सीबीटी थेरेपी या टॉक थेरेपी भी कहते हैं। इसमें बातचीत के जरिए ओवरथिकिंग को नियंत्रित करके नकारात्मक विचारों को काबू किया जाता है।
एक्सपोजर थेरेपी भी एक्रोफोबिया से बचने में सहायक है। इस तरह की थेरेपी में आप एक चिकित्सक के साथ मिलकर धीरे-धीरे खुद को उन चीजों के संपर्क में ला सकते हैं, जिनसे आप डरते हैं। फिर धीरे-धीरे ऊंचाई से लगने वाला डर कम होने लगता है।