Media: बनवारी लाल को लाला जी ने एडिटर की कुर्सी क्या दी उस बड़े नौकर ने अपने से छोटे नौकरों का जीना दूभर कर दिया। टीआरपी के चक्कर में अप्रैल से सिंगल ऑफ कर रखा है। बनवारी लाल एडिटर को आधे घंटे पहले मीटिंग का शौक है। मतलब सिंगल ऑफ के साथ 9.30 घंटे की शिफ्ट। आउटपुट एडिटर 12-12 घंटे की शिफ्ट कर हार्ट अटैक का शिकार हो चुका है फिर भी चैनल को उस पर कोई तरस नहीं। लोग बताते हैं कि वो भी 11 घंटे की शिफ्ट कर रहे हैं। एडिटर का एक सलाहकार है नवनियुक्त डिप्टी आउटपुट वो उसे ज्ञान देता है ऐसा करो और वो वही कर देता है।
दिन भर मीटिंग का बहुत शौक है, बात बात पर मीटिंग करके ही चैनल चलता है। प्रोमो और पीसीआर टीम अल्टरनेट डबल ऑफ ले रही थी, बनवारी लाल एडिटर को वो भी पसंद नहीं आया बंद करवा दिया। सितंबर से हवा बना रहा है कि डबल ऑफ कर देगा, लेकिन ये भी मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा ही है।
दिसंबर शुरू हो चुका है लेकिन डबल ऑफ तो दूर की बात है, बुलेटिन का ड्यूरेशन बढ़ा कर प्रोडयूसर की जान लेने पर उतारू है। उसका बस चले तो बिना ब्रेक का कंटेंट तैयार करवाए। अब तो न्यूजरूम में खुलेआम धमकियां दे रहे हैं कि चैनल बर्बाद करना चाहते हैं कुछ लोग ये तो वही बात हो गई उल्टा मोर कोतवाल का डांटे।
बेचारे प्रोडयूसर करे भी तो क्या करे, किससे कहे.. HR बिना रीढ़ वाला है, कुछ कर भी तो नहीं सकता ।
अब चैनल का नाम आप बूझो तो जानें।
वैसे इसे पढ़ने वाले कुछ लोग नाम समझ गए होंगे, चरण चुंबक अब लगाई बुझाई करेंगे और बनवारी लाल एडिटर कहेंगे मेरे बारे में जो लिखना है लिखो लेकिन मैं बदलने वाला नहीं। गुस्से में हालात और बिगड़ेंगे।
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