Punjab News: पंजाब के गुरदासपुर के सेना के जवान जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में शहीद हो गये हैं। शहीद हुए सेना के जवान का पार्थिव शरीर गांव भैणी खादर पहुंचा। आपको बता दें कि शहीद गुरप्रीत सिंह (Shaheed Gurpreet Singh) अपने साथियों के साथ गुलमर्ग से दूर बर्फीली पहाड़ियों पर गश्त कर रहे थे। और अचानक उनका पैर फिसल गया और पहाड़ी से गहरी खाई में जा गिरे।
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शहीद के घर कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह पालीवाल (Cabinet Minister Kuldeep Singh Paliwal), आम आदमी पार्टी नेता जगरूप सिंह सेखवा, डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर डॉ. हिमांशु अग्रवाल समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और सैन्य अधिकारी पहुंचे हैं। जब शाहिद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो पूरे गांव के लोगों पार्थिक शव को देखने पहुंचा और माहौल पूरा गमगीन हो गया। वहीं दूर-दूर से लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने भी आए। कॉन्स्टेबल गुरप्रीत सिंह 6 साल पहले 73 फील्ड रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और इनमें से अधिकतर वर्षों के दौरान वह आतंकवाद प्रभावित इलाकों में अपनी ड्यूटी किए।
पिछले साल छुट्टी पर आया था शहीद
शहीद जवान गुरप्रीत सिंह के पिता नरिंदर सिंह ने नम आंखों से कहा कि उनका बेटा पिछले साल अगस्त महीने में पश्चिम बंगाल के वीनागुड़ी से 45 दिन की छुट्टी पर घर आया था। छुट्टी पूरी करने के बाद वह सीधे 18 राष्ट्रीय राइफल्स गए, जो जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र गुलमर्ग सेक्टर में है। वह भारत में तैनात थे जहां देश की रक्षा करते हुए वह अपने प्राणों का बलिदान दे दिए।
परिवार में इकलौता कमाने वाला था गुरप्रीत
शहीद जवान गुरप्रीत सिंह अपने पीछे मां लखविंदर कौर, पिता नरिंदर सिंह और छोटा भाई हरप्रीत सिंह को अकेले छोड़ गए हैं। गुरप्रीत इकलौता कमाने वाला था और पूरे परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर सबका ध्यान रखा था, लेकिन उसके चले जाने से परिवार पर जो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, शायद ही वह कभी इस सदमे से निकल पाए। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन को उनका साथ देना चाहिए।