Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन करने के लिए BJP ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसी कारण BJP लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में ऐतिहासिक जीत का दावा कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने बीजेपी 370 और एनडीए गठबंधन (NDA Alliance) के लिए 400 पार का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पार्टी अपना जनाधार बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है, बल्कि इस क्रम में अल्पसंख्यक समाज को भी जोड़ने के मिशन में लगी हुई है।
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भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा (BJP Minority Front) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी (Jamal Siddiqui) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में मुस्लिम समाज की स्थितियों में काफी बदलाव लाया है, उन्हें बदहाली से बाहर निकाला है, उनकी शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाया है। इस कारण से मुस्लिम समाज अब देश की मुख्यधारा से जुड़ गया है, उनके अंदर जो डर था ओ अब समाप्त हो गया है, उन्हें गुंडाराज से छुटकारा मिल गया है। देश के मुसलमानों के सामने कांग्रेस, सपा, बसपा, आरजेडी और टीएमसी जैसे दल अब पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समाज को जिस तरह के नेता की तलाश थी, वह नेता उन्हें पीएम मोदी के रूप में मिल गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने पसमांदा समाज को भागीदारी देने का काम किया।
क्या मुसलमान देगा वोट बीजेपी को ?
इस सवाल का जवाब देते हुए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी (Jamal Siddiqui) ने बताया कि इसका ट्रेलर रामपुर और आजमगढ़ (लोकसभा उपचुनाव) में देखा जा चुका है और अब देश का मुसलमान पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करना चाह रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) को तीन तलाक से मुक्ति दिलाई और मुस्लिम समाज खासकर मुस्लिम बहनों ने ना दूरी है ना खाई है, मोदी हमारा भाई है के नारे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जुड़ना शुरू कर दिया है।
बता दें कि बीजेपी ने देशभर में 65 ऐसी लोकसभा सीटों का चयन किया है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 35 प्रतिशत से ज्यादा है। इन 65 लोकसभा सीटों में से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 14 लोकसभा सीट हैं और दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल आता है, जहां कि 13 लोकसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है। तो वहीं केरल की 8, असम की 7, जम्मू कश्मीर की 5, बिहार की 4, मध्य प्रदेश की 3 और दिल्ली, गोवा, हरियाणा, महाराष्ट्र और तेलंगाना की 2-2 लोकसभा सीट इस लिस्ट में शामिल हैं।
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तमिलनाडु की एक लोकसभा सीट को इन 65 अल्पसंख्यक बहुल सीटों की सूची में शामिल किया गया है। इनमें से कई लोकसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग आधी से भी ज्यादा है। इन 65 लोकसभा सीटों के साथ ही देश में 35 से 40 के लगभग लोकसभा की सीटें ऐसी भी हैं, जहां मुस्लिम वोटर्स पूरी तरह से निर्णायक भूमिका में भले ही ना हो, लेकिन जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं।
इन सीटों पर बीजेपी का खास प्लॉन
बीजेपी (BJP) ने लोकसभा की मुस्लिम बाहुल्य इन 100 से ज्यादा सीटों को लेकर खास प्लॉन तैयार की है। इन सीटों पर लोकसभा प्रभारी के साथ-साथ विधानसभा अनुसार विधानसभा प्रभारी, विधानसभा सह प्रभारी और मोदी मित्रों की तैनाती की जा रही है।
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने आगे कहा कि मोर्चा लगातार मुस्लिम समाज के लोगों के साथ संवाद कर उन तक पीएम मोदी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचा रहा है। मोदी सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी योजनाओं से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को क्या-क्या लाभ मिला है, इस बात की भी जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुस्लिम समाज तक पहुंचने के लिए कई अभियान चलाए। मोर्चे ने युवा स्नेह संवाद, महिला स्नेह संवाद, मोदी स्नेह संवाद, सद्भाव स्नेह संवाद, बूथ प्रमुख स्नेह संवाद और मोदी मित्र जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से विधानसभा और बूथ स्तर तक जाकर देशभर में 22 हजार 700 संवाद कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं ने देशभर में 1,468 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया और 50 लाख से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ सीधा संपर्क किया है। उन्होंने जानकारी दी कि देशभर में मुस्लिम समाज से जुड़े 18 लाख 400 व्यक्ति मोदी मित्र बन गए हैं। हर जिले में सूफी समाज के लोग भी बड़े पैमाने पर बीजेपी के साथ जुड़े हैं।
बता दें कि भाजपा (BJP) ने अपने संगठन में बूथ स्तर से मुस्लिम वर्ग को बढ़ावा देना का काम शुरू कर दिया है। इसका असर यूपी में हुए स्थानीय निकाय के चुनावों में भी दिखाई दिया। पार्टी ने मुस्लिम मतदाताओं के बहुमत वाले इलाकों में मुस्लिम बूथ अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है और जिन बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है, उन बूथों के लिए बनाई गई कमेटियों में भी मुस्लिमों को शामिल किया है। भाजपा की कोशिश है कि सभी वर्गों के लाभार्थियों के साथ-साथ मुस्लिम समाज के भी ऐसे सभी लाभार्थियों तक पहुंचा जाए, जिन्हें केंद्र की मोदी सरकार अथवा राज्य की बीजेपी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का किसी न किसी रूप में लाभ मिला है।
पीएम मोदी लगातार विरोधी दलों पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के नारे के साथ देश में रहने वाले सभी लोगों के विकास के लिए काम करने की बात करते आ रहे हैं, चाहे वो समाज के किसी भी तबके या धर्म से आता हो। भाजपा की बैठकों में भी पीएम मोदी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को वोट की चिंता किए बगैर समाज के सभी तबकों के साथ संवाद करने की नसीहत देते रहे हैं। मोदी सरकार की उपलब्धियों और पार्टी द्वारा चलाए जा रहे आउटरीच कार्यक्रमों को मिल रहे रिस्पांस से बीजेपी के रणनीतिकार दावा कर रहे हैं कि इस बार मुस्लिम समाज के लोग बड़े पैमाने पर बीजेपी को वोट करने जा रहे हैं।