नीलम सिंह चौहान, ख़बरीमीडिया
Dussehra 2023: दशहरा का त्योहार आज यानी कि 24अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन ही भगवान श्री राम ने रावण पर विजय हासिल की थी। वहीं, इसी दिन ही देवी माता की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाता है। अस्त्र शस्त्र की पूजा कर पर्व को उल्लास से मनाया जाता है। ऐसे में आपको विजयादशमी त्योहार के महत्व और पूजा विधि के बारे में अहम बातें बताएंगे।
कैसे मनाएं दशहरा ( Dussehra)
दशहरा के दिन आपको भगवान राम और देवी मां की पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद भगवान राम और देवी मां के मंत्रों का जाप करें। जिन्होंने कलश की स्थापना की है, वे नारियल को हटा लें और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। कलश में भरे हुए जल को पूरे घर में छिड़क दें। और देवी मां के प्रतिमा के पास घी का दीपक जरूर जला के रखें। शस्त्र की पूजा करने के लिए उसपर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांध सकते हैं।
कब है दशहरा की तिथि और मुहूर्त ( Dussehra 2023 Puja Muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक मानें तो, अश्विनी शुक्ल दशमी तिथि 23 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 44 मिनट से लेकर के 24 अक्टूबर दोपहर के 3 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के चलते 24 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। इस दिन सुबह के 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दोपहर के 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर के 2 बजकर 43 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। पूजा करना चाहते हैं तो ये दोनों ही मुहूर्त शुभ हैं।
विजयादशमी की पूजा की विधि ( Dussehra 2023 Pujan Vidhi)
दशहरे के दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान श्री राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे आने वाले बाधाओं का नाश होगा और जीवन में उन्नति मिलेगी। दशहरा के दिन अस्त्र की पूजा करनी चाहिए। वहीं, माना ये भी जाता है कि देवी मां की पूजा करके किसी नए काम को प्रारंभ भी किया जा सकता है।
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रावण दहन मुहूर्त ( Dussehra 2023 Ravana Dahan Muhurat)
इस वर्ष रावण दहन के लिए 24 अक्टूबर को शाम 05: 43 मिनट के बाद करना शुभ है। दशहरा पर्व में रावण दहन के लिए सबसे बेहतरीन मुहूर्त शाम 7.19 मिनट से रात 08.54 मिनट तक है।