Jalandhar नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह प्रोजेक्ट गड़बड़ी का शिकार हो गया।
Jalandhar: पंजाब के जालंधर में डार्क सिटी बनी। स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) ने 58 करोड़ रुपए खर्च करके शहर में 72 हजार से ज्यादा नई एलईडी स्ट्रीट लाइटें (LED Street Lights) लगवाई थीं परंतु जालंधर नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह प्रोजेक्ट गड़बड़ी का शिकार हो गया। पढ़िए पूरी खबर…
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बता दें कि हालात यह है कि शहर में नई लगी हजारों स्ट्रीट लाइटें (Street Lights) बंद पड़ी हैं जिन्हें मेंटेन नहीं किया जा रहा। कंपनी को स्मार्ट सिटी द्वारा मेंटेनेंस के मामले में भुगतान नहीं किया जा रहा और उस एवज में कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही जिस कारण कंपनी स्टाफ ने हड़ताल कर रखी है।
अब नगर निगम कंपनी (Municipal Company) को नोटिस जारी करके ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। नगर निगम का प्लान यह है कि कंपनी ने मेंटेनेंस हेतु जो स्टाफ रखा हुआ था उसे नगर निगम अपने स्तर पर भर्ती कर ले ताकि स्ट्रीट लाइटों को मेंटेन किया जा सके। वहीं दकोहा से तल्हन को जाते रोड पर भी लाइटें बंद होने से राहगीर परेशान हैं।
चंडीगढ़ (Chandigarh) में बातचीत चलाई जा रही है और साथ ही साथ नई एलईडी लाइटें (New LED lights) लगाने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला भी अदालतों की शरण में या आर्बिट्रेशन में जा सकता है।
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LED स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट दौरान सामने आ चुकी है गड़बड़ी
- दिल्ली की एचपीएल कंपनी (HPL Company) को स्ट्रीट लाइटें लगाने हेतु 43.83 करोड़ का टेंडर अलॉट किया गया परंतु उसे मनमर्जी से बढ़ाकर 57.92 करोड़ तक पहुंचा दिया गया। यह राशि 25 प्रतिशत बढ़ोतरी से भी अधिक हो गई जिसकी किसी से अनुमति नहीं ली गई। काम खत्म होने के बाद कंपनी ने 5 साल तक ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस करनी थी जिसकी एवज में उसे 13.14 करोड़ का भुगतान होना था।
- कंपनी का काम अभी तक पूरा खत्म नहीं हुआ परंतु स्मार्ट सिटी द्वारा कंपनी को ऑपरेशन एंड मेंटिनेस चार्ज अदा किए जा रहे हैं। फरवरी 2024 तक कंपनी को इस हेतु 2.56 करोड़ दिए गए जो सरासर गड़बड़ी है।
- एलईडी प्रोजेक्ट पर काम 31 मार्च 2022 को खत्म होना था परंतु काम अभी तक समाप्त नहीं हुआ। शर्त के मुताबिक कंपनी पर 7.5 प्रतिशत के हिसाब से 4 करोड़ 34 लाख की पेनल्टी लगनी थी जो स्मार्ट सिटी द्वारा नहीं लगाई गई।
- स्मार्ट सिटी कंपनी (Smart City Company) ने ठेकेदार कंपनी को 5.54 करोड़ रूपए की ज्यादा पेमेंट कर दी। ठेकेदार कंपनी ने 1.04 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी भी देनी थी। ठेकेदार कंपनी को अतिरिक्त पेमेंट हो जाने संबंधी पता चलने पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया और ज्यादातर राशि ठेकेदार कंपनी ने अभी तक स्मार्ट सिटी को वापस नहीं दी है।
- शहर में 30 हजार के करीब ज्यादा लाइटें लगा दीं गईं परंतु उनकी चंडीगढ़ में बैठी स्टेट लेवल कमेटी से मंजूरी ही नहीं ली गई।
- काफी समय तक सिस्टम को पूरे तरीके से ‘अर्थ ‘ नहीं किया गया जबकि यह कॉन्ट्रैक्ट में शामिल था।
- पुरानी स्ट्रीट लाइटों को ऐसे ठेकेदार के हवाले कर दिया गया जिसके पास टेंडर ही नहीं था।
- 12 गांवों में कम वाट की लाइटें लगाकर टेंडर की शर्तों का सीधा सीधा उल्लंघन किया गया।