Political News: एमपी समेत 4 राज्यों के नतीजे आ गए हैं। भाजपा (BJP) ने 3 राज्यों में सरकार बना ली है। सपा इस चुनाव में कोई खास कमाल नहीं कर पाई है। वहीं सपा-कांग्रेस (SP-Congress) की लड़ाई का रिजल्ट यह रहा कि कांग्रेस एमपी में बड़े अंतर से चुनाव हार गई है।
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आपको बता दें कि 2024 लोकसभा चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) को सत्ता से उखाड़ फेंकने की इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर पानी फिरता नजर आ रहा है। लोकसभा चुनाव में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में एक ओर जहां बीजेपी ने एमपी समेत 3 राज्यों में सरकार बना ली है।
कांग्रेस को राजस्थान और छत्तीसगढ़ (Rajasthan and Chhattisgarh) में हार का सामना करना पड़ा है। दूसरी ओर इस चुनाव में खाता भी न खोल पाने वाली समाजवादी पार्टी अपनी धुर विरोधी बीजेपी की जीत से ज्यादा कांग्रेस की हार से खुश नजर आ रही है। सपा नेताओं ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, पूर्व सीएम कमलनाथ पर हमले की बौछार कर दी है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में अब फूट पड़ती नजर आ रही है।
मध्य प्रदेश चुनाव में सपा नहीं खोल पाई खाता
मध्य प्रदेश चुनाव के समय सपा मुखिया ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव कांग्रेस को हराने के लिए और बीजेपी को जिताने के लिए काम कर रहे हैं।
वास्तव में इंडिया गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और सपा के बीच विवाद की शुरुआत एमपी विधानसभा चुनाव के दौरान शुरू हुआ था। एमपी में सीट बंटवारे की बात न बनने के बाद दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला था। इसके बाद इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद भी सपा और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा।
सपा ने मध्य प्रदेश की 74 सीटों पर दावा ठोका था जबकि कांग्रेस ने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। दोनों पार्टियों के अलग-अलग चुनाव लड़ने की वजह से समाजवादी पार्टी तो खाता भी नहीं खोल पाई, लेकिन उसने कांग्रेस को नहीं जीतने दिया। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटें जीतकर सरकार बना ली है। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 66 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
अखिलेश का अपमान करना कांग्रेस को पड़ा भारी
समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस (Congress) के बड़े नेताओं पर हमला बोला है। सपा के प्रवक्ताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व सीएम कमलनाथ पर हमला बोला है। सपा प्रवक्ता मनोज काका ने कहा है कि कांग्रेस को अखिलेश यादव को अपमान जनक शब्दो से सम्बोधित करना भारी पड़ा है।
कमलनाथ ने सपा मुखिया के खिलाफ अपमान जनक शब्द बोले थे। उनका अहंकार सिर चढ़कर बोल रहा था। रामधारी सिंह दिनकर की लाइन पढ़ते हुए मनोज काका (Manoj Kaka) ने कहा कि जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है। कांग्रेस नेता कमलनाथ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्ही के अमर्यादित बयानों से कांग्रेस हारी है और ज्यादातर जगहों पर यही हुआ है।
सपा के नेता कांग्रेस को आत्मचिंतन की नसीहत दी
सपा के ही दूसरे प्रवक्ता फखरुल हसन चांद (Fakhrul Hasan Chand) ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। सपा प्रवक्ता ने बताया है कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस एक बड़ा दल है। उसे बड़े दिल के साथ इस गठबंधन को चलाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस को आत्मचिंतन की जरूरत है। इसके साथ ही कांग्रेस को नसीहत देते हुए सपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर देश से भारतीय जनता पार्टी को हराना है, तो बड़े दल को बड़ा दिल भी दिखाना पड़ेगा।
कांग्रेस पर जमकर बोला हमला
इसके साथ सपा नेता आईपी सिंह (IP Singh) नतीजों के शुरुआती रुझान से ही कांग्रेस पर फायर दिखे। आईपी सिंह ने पोस्ट करते हुए लिखा है कि कांग्रेस का अहंकार कांग्रेस को ले डूबा। अपने दूसरे पोस्ट में लिखा कि अहंकार का अंत यूं ही होता है। पांडवों ने 5 गांव मांगे थे, पर कौरव वह भी नहीं दे सके और महाभारत हुई। सपा को पांच सीटें न देकर कांग्रेस ने एमपी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपने 5 प्रतिशत वोट का नुकसान किया। अब शायद कमलनाथ समझ गए होंगे अखिलेश यादव कौन है?
कांग्रेस ने अखिलेश और नीतीश को धोखा दिया
आईपी सिंह ने बताया है कि मोहब्बत की दुकान खोलेंगे पर अपने भाई वरुण गांधी (Varun Gandhi) को नहीं जोड़ेंगे। परिणाम आने के बाद एक स्थिर मन से कांग्रेस को पुनर्विचार करना ही होगा। राहुल गांधी सिर्फ ओबीसी-ओबीसी का राग मंचों से अलापते रहे। हकीकत में कांग्रेस ने देश के 2 बड़े ओबीसी नेताओं अखिलेश यादव और पटेल नीतीश कुमार का अपमान किया। और उन्हें धोखा दिया। इस धोखे और अपमान को जनता भी देख समझ रही थी इसलिए कांग्रेस की दुर्गति हुई।
अखिलेश यादव कुछ खास नहीं कर पाए
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह (Rajkumar Singh) ने कहा कि जिस एमपी चुनाव 2023 को लेकर सपा और अखिलेश यादव बड़े एग्रेसिव दिख रहे थे कि कांग्रेस उन्हें उचित भागीदारी नहीं दे रही है जबकि इंडिया गठबंधन में शामिल है।
इसको लेकर उनका पूर्व सीएम कमलनाथ से विवाद भी हुआ था। लेकिन मध्य प्रदेश के परिणामों ने यह साबित कर दिया की अखिलेश यादव एमपी में कुछ खास नहीं कर पाए हैं। एक भी सीट ना जीत पाना इस ओर इशारा भी कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस की हार पर सपा की ओर से इस तरह की बयानबाजी करना इंडिया गठबंधन पर सवाल खड़े कर रहा है।
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