कहीं आप पीछे तो नहीं रह गए ?
भारत में कोरोना के मामले भले ही कम हो गए हों, लेकिन चीन और यूरोप के कई देशों में संक्रमण फिर से बढ़ने लगा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 12-14 साल तक के बच्चों को कोरोना का टीका लगाने का फैसला लिया है। जिसकी शुरुआत हो गई है।
‘कोर्बेवेक्स’ टीका लगेगा
इस उम्र के बच्चों को बायोलॉजिकल ई लिमिटेड(Biological-e-limited) द्वारा बनाई गई ‘कोर्बेवेक्स’(Corbevax) वैक्सीन दी जाएगी। अनुमान है कि 7.11 बच्चों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन
टीकाकरण से जुड़े अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हाल में यह टीका नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी अभी नहीं मिली है। इसलिए टीकाकरण के लिए जन्मतिथि भी तय की गई है। पहले दिन 15 मार्च 2010 तक जन्म लेने वाले बच्चों को ही टीका लगाया जाएगा। इसके अगले दिन 16 मार्च 2010 तक जन्म लेने वाले बच्चे टीकाकरण के योग्य होंगे। इसलिए टीकाकरण के दौरान बच्चों को अपना जन्म दिन भी बताना होगा।
अधिककरियों के अनुसार बच्चों को सरकारी अस्पतालों में टीका लगाने की तैयारी अभी नहीं है। अलग अलग उम्र के लिए अलग अलग टीके तय किए गए हैं। इसलिए सभी उम्र के लिए एक सेंटर होने पर गलतियां होने की आशंका रह सकती हैं। इसी वजह से यह तय किया गया है कि 12 से 14 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण स्कूलों में ही होगा।
कैसे करें रजिस्ट्रेशन?
बच्चों के वैक्सिनेशन के लिए कोविन ऐप या फिर www.cowin.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसकी दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जाएगी। एक मोबाइल नंबर पर चार बच्चों को टीका लगवाया जा सकता है। इसके अलावा ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा दी जाएगी।
‘कोर्बेवेक्स’ की दो खुराक लेनी होगी
1. कोर्बेवेक्स के तीन परीक्षण किए गए हैं, यह कोरोना के खिलाफ 90 प्रभावी रही
2. इस टीके का परीक्षण बीटा और डेल्टा पर भी किया गया और असरदार पाया गया
3. 28 दिनों में इसकी दो खुराक बच्चों को लेनी होगी, टीका मांसपेशियों के जरिए शरीर में पहुंचाया जाएगा
4. यह स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है। दो से आठ डिग्री तापमान पर रख सकते हैं
7.11 करोड़ बच्चों को लाभ
– जिन बच्चों का जन्म 2008, 2009 और 2010 में हुआ है, वो सभी टीका लगवाने को पात्र होंगे
– देश में 12-14 साल आयु वर्ग के 7.11 करोड़ से ज्यादा बच्चे हैं जिन्हें इस मुहिम के तहत टीका लगाया जाएगा।
– स्कूल खुलने की वजह से यह बेहद जरूरी था
– केंद्र ने पांच करोड़ टीके मंगाए थे और सभी राज्यों में भेजे गए
– देश में 18 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह चौथा टीका
– अब तक 15-18 वर्ष वालों को कोवैक्सिन लगाई जा रही थी
कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिसके कारण चीन में फिर से लॉकडाउन (Lockdown) की स्थति है। इससे दुनियाभर में फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर टेंशन बढ़ गई है। लेकिन भारत (India) में अब तीसरी लहर के बाद छोटे बच्चों को सुरक्षा कवच के दायरे में लाने का फैसला लिया गया।
बुजुर्गों को बूस्टर डोज
इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की प्रीकॉशन या बूस्टर डोज को लेकर नियमों में बदलाव भी आज से लागू हो रहे हैं। नए नियमों के मुताबिक 60 वर्ष से अधिक के लोगों को बूस्टर डोज के लिए अब किसी अन्य गंभीर बीमारी का होना जरूरी नहीं है। अब 60 साल के ऊपर का कोई भी व्यक्ति वैक्सीन की तीसरी डोज ले सकता है। दरअसल, पहले फ्रंट लाइन वर्कर और गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों के लिए ही प्रिकॉशन डोज की अनुमति दी गई थी।
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