नोएडा सेक्टर-93ए स्थित ट्विन टावर((Supertech Twin Tower) सियान और एपेक्स को गिराने की तारीख 21 अगस्त और समय ढाई बजे तय कर दिया गया है। जिसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई है।
दोनों टावरों को गिराने के लिए मंगलवार को नोएडा प्राधिकरण में फाइनल बैठक हुई। बैठक के मुताबिक इमारत के 11 प्राइमरी और 7 सेकंड्री तलों पर पिलर्स में होल कर दिए गए है। नौ पिलर शेष है जिनमें रैपिंग काम तीन दिनों में पूरा हो जाएगा। एमराल्ड और एटीएस के टावरों को धूल से बचाने के लिए प्लास्टिक शीट से कवर किया जाएगा।
2600 लोगों को छोड़ना होगा फ्लैट
सुपरटेक में दोनों टावरों के अलावा 14 टावर और उसके साथ एटीएस में टावर है। ब्लास्ट के दिन यानी 21 अगस्त को ब्लास्ट से तीन घंटे पहले ही सभी टावरों के फ्लैटों में रहने वाले लोगों को बाहर कर दिया जाएगा। ब्लास्ट के दो घंटे बाद वे अपने फ्लैट में जा सकेंगे।
2 अगस्त से लगाया जाएगा विस्फोटक
बैठक में जेट डिमोलिशन ने बताया कि दो अगस्त से 10 हजार से छेदों में विस्फोटक लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद पूरे एरिया को सील किया जाएगा। यहां पुलिस की तैनाती रहेगी साथ अंदर जाने में सख्ती बरती जाएगी। 18 दिन यानी 20 अगस्त तक विस्फोटक लगा दिया जाएगा। 20 अगस्त की शाम को फाइनल विजिट होगी। विस्फोटक लाने के लिए पुलिस से दो दिन में एनओसी मिल जाएगी।
21 अगस्त को ढाई बजे होगा ब्लास्ट
बैठक में बताया कि 21 अगस्त को दोपहर ढाई बजे इमारतों को ब्लास्ट किया जाएगा। ब्लास्ट के दौरान सिर्फ पांच लोग ही मौजूद रहेंगे। इसमें एडिफिस के एक , जेट डिमोलिशन के तीन और एक पुलिस प्रशासन का अधिकारी रहेगा।
8 सेकेंड में गिरेंगे टावर, 8 मिनट तक रहेगा धूल का गुबार
जानकारी के मुताबिक टावर के बेसमेंट से लेकर सबसे ऊपरी मंजिल पर विस्फोटक लगाए जाएंगे। प्राइमरी और सेकेंडरी ब्लास्ट के जरिये टावर को एक तरफ गिराने की बजाय सीधे जमींदोज किया जाएगा, ताकि आसपास का एरिया सुरक्षित रहे। एक के बाद एक 7 ब्लास्ट होंगे और 8 से 10 सेंकेंड में टावर ध्वस्त हो जाएंगे। हालांकि धूल का गुबार खत्म होने में 8 से 10 मिनट का समय लगेगा। टावर ध्वस्त होते ही पानी का छिड़काव से धूल पर काबू किया जाएगा। हरे रंग के पर्दे लगाकर धूल को रोकने का काम किया जाएगा।
30 मीटर ऊंची कंटेनर की दीवार होगी सुरक्षा कवच
टावरों को ध्वस्त करने के दौरान आसपास की इमारतों की सुरक्षा बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए टावरों के चारों तरफ 30 मीटर ऊंचाई तक कंटेनर रखे जाएंगे। इसके बाद सुरक्षा की एक और दीवार बनाई जाएगी। टावरों के नजदीक से गुजर रही गैस पाइपलाइन के ऊपर सुरक्षा घेरा तैयार किया जाएगा। ट्विन टावर के हर कॉलम में लोहे का जाल बनाया जाएगा, जिसे कागज से लपेटकर कवर किया जाएगा। इसके बाद इसमें विस्फोटक लगाने के लिए छेद किए जाएंगे। ट्विन टावर और एमरॉल्ड कोर्ट के बेसमेंट की पार्किंग एक ही है, ऐसे में एमरॉल्ड कोर्ट की पार्किंग को भी सुरक्षित रखने के लिए इंतजाम किए जाएंगे।ट्विन टावर को ध्वस्त करने से पहले सभी दीवारों को तोड़ने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। श्रमिकों को यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से बुलाया गया है। इस काम के लिए करीब 4 हजार किलो बारूद का इस्तेमाल किया जाएगा।
वॉटरफाल के तरीके से गिराए जाएंगे टावर
अमेरिका की कंपनी इससे पहले भारत में ही मुम्बई और कोच्चि में भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंग गिराने का काम कर चुकी है। कंपनी ने नोएडा अथॉरिटी में अपना प्रस्ताव पेश करते हुए बताया है कि वो ट्वीन टावर को वॉटरफाल का तरीका अपनाकर तोड़ेगी। इसके लिए टावर के कॉलम, बीम और दिवारों में कई जगह छेद कर वी शेप में एक्सप्लोसिव लगाया जाएगा. इस तरीके से टावर का मलबा एक झरने से गिरने वाले पानी की तरह से नीचे आएगा. खास बात यह है कि मलबा टावर के अंदर की ओर गिरेगा।
300 मीटर दूर से देख सकते हैं टावर गिरते हुए
अक्सर देखा जाता है कि इस तरह से जब कहीं भी बिल्डिंग गिराई जाती है तो देखने वालों की भीड़ लग जाती है. लेकिन मौके पर मौजूद कंपनी के लोगों की मानें तो ट्विन टावर के 300 मीटर एरिया में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी। यहां तक की जब टावर गिराए जाएंगे तो आसपास की सोसाइटी में भी छतों तक पर किसी को रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन 300 मीटर दूर खड़े होकर टावर को गिरते हुए देखा जा सकता है।
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