Hindenburg Report पर अडानी और SEBI ने दी अपनी प्रतिक्रिया, समझिए पूरी कहानी
Hindenburg Report: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट से अडानी ग्रुप के शेयरों में भूचाल ला दिया है। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ अपनी 2023 की रिपोर्ट में किए गए दावों पर कार्रवाई नहीं की, क्योंकि बाजार नियामक की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर फर्मों में निवेश किया था।
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हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट के बाद शुरुआती कारोबार में ही अडानी पावर (Adani Power) 9 प्रतिशत से भी ज्यादा लुढ़क गया। अडानी विल्मर में 6 पर्सेंट से ज्यादा गिरावट आ गई है। वहीं अडनी ग्रुप का बेंचमार्क स्टॉक अडानी एंटरप्राइजेज में भी 3.17 पर्सेंट की कमी आई है। अडानी टोटल गैस 7 फीसद से अधिक लुढ़का है। अडानी एनर्जी सॉल्यूशन में भी लगभग साढ़े चार प्रतिशत की गिरावट आई है। एसीसी में 1.83 और अंबुजा सीमेंट में 1.54 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। अडाानी ग्रीन एनर्जी 3.61% गिरावट हुआ है। नतीजतन, निवेशकों को करीब 53,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप 16.7 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया है।
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अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (American shortseller Hindenburg Research) ने अडानी पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कथित तौर पर आरोप लगाया है कि भारत में शेयर बाजार को नियंत्रत करने वाली SEBI की प्रमुख माधबी पुरी बुच के पति अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टेक होल्डर हैं। इसके बाद से ही यह मामला तूल पकड़ लिया है। अब इस मामले पर अडानी ग्रुप ने भी अपना बयान जारी किया है।
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अडानी ग्रुप ने आरोपों को लेकर दी प्रतिक्रिया
हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) में किए गए दावो को लेकर अडानी ग्रुप ने अपने बयान में रिपोर्टों को बेबुनियादी बताया है। अडानी ने इसको लेकर कहा कि हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए इस प्रयास में उल्लिखित व्यक्तियों या मामलों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। हम पारदर्शिता और सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। ।
नवीनतम आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ वाला चयन है, जो तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए है। हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं। इसकी गहन जांच होगी, जो निराधार साबित हुए हैं और जिन्हें जनवरी 2024 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया है।
सेबी प्रमुख ने कही ये बात
हिंडनबर्ग के दावों को लेकर सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। दोनों लोगों ने संयुक्त रूप से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, ने उसी के जवाब में चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।
बुच ने आगे कहा कि 10 अगस्त, 2024 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें सच्चाई बिलकुल भी नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है।
सेबी के बयान में आगे कहा है कि निवेशकों को शांत रहना चाहिए और ऐसी रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से पहले उचित सावधान रहना चाहिए। निवेशक रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर पर भी ध्यान दें, जिसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि हिंडनबर्ग रिसर्च के पास रिपोर्ट में शामिल सिक्योरिटीज में शॉर्ट पोजीशन हो सकती है।
सेबी ने रिपोर्ट पर अपने बयान में यह भी कहा कि रिपोर्ट में दूसरी बातों के साथ यह भी कहा गया है कि सेबी ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसमें 27 जून 2024 को हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस जारी करने की सेबी की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह उठाया गया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सेबी ने एक डायवर्सिफाइड मल्टीनेशनल फाइनेंशियल ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए सेबी (REIT) रेगुलेशन 2014 में बदलाव किए हैं। इन मुद्दों पर उचित प्रतिक्रिया की जरूरत है। हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सेबी द्वारा विधिवत जांच की गई है।
माधबी बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसने जवाब देने के बजाए चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।
जानिए क्या था पिछला आरोप
आपको बता दें कि साल 2023 के 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों में हेर-फेर और ऑडिटिंग घोटाला करने का आरोप लगाते हुए इसे कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया था। हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट उस समय पेश की थी जब अडानी समूह अडानी इंटरप्राइजेज 20 हजार करोड़ रुपये के शेयर खुदरा बिक्री के लिए जारी करने वाली थी। रिपोर्ट के जारी होने के बाद अडानी समूह के लगभग सभी कंपनियों के शेयरों में भूचाल आ गया था। हालांकि, बाद में सेबी ने उन्हें क्लीनचिट दी थी।