Champai Soren resigned from CM

हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के नए CM..सबसे कम दिन तक रहने वाले CM बने चंपाई सोरेन

झारखंड राजनीति
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Jharkhand News: झारखंड में बड़ी राजनीतिक में बड़ा बदलाव हो रहा है। आपको बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (CM Champai Soren) ने राज्यपाल को सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने नए सीएम पद के लिए अपना दावा भी पेश कर दिया है। राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन ने कहा कि मुझे दायित्व मिला, अब हेमंत बाबू वापस आ गए हैं। हमारे गठंबधन ने फिर से फैसला लिया है। हमने और हमारे गठबंधन ने हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को फिर नेता चुन लिया है। जिस पद पर मैं था उस पद से मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। जो गठबंधन का फैसला हुआ। हमने उसी पर काम किया।
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Pic Social media

आपको बता दें कि हेमंत सोरेन (Hemant Soren) और चंपाई सोरेन दोनों ही राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन ने मीडिया से बातचीत में सारी बातें साफ कर दी। उन्होंने कहा कि हमने सारा काम कर दिया है। लेकिन हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ कब लेंगे, अभी इसको लेकर स्थिति साफ नहीं हो सकी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि 5 जुलाई को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

झारखंड के राज्यपाल राधाकृष्णन शाम में ही पडुच्चेरी (Puducherry) यात्रा से रांची पहुंचे थे। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के पास सरकार बनाने के लिए दावा भी पेश कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में ही कई मंत्री भी शपथ लेंगे। राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने दावा किया कि वह भी मंत्रीपद की शपथ लें सकते हैं।

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इतने सेकंड सीएम रहे चंपाई सोरेन

आपको बता दें कि सीएम चंपाई सोरेन (CM Champai Soren) बुधवार शाम 7.15 बजे राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। इस तरह चंपाई सोरेन सीएम कुल 1,32,19,200 सेकंड तक रहे। मिनट की बात की जाए तो चंपाई सोरेन 2,20,320 मिनट और 3672 घंटे तक सीएम रहे। 153 दिनों यानी 21 सप्ताह और छह दिनों में उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

झारखंड के 13वें सीएम बनेंगे हेमंत सोरेन

झारखंड में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है। बताया जाता है कि इससे पहले गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां चंपाई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुना है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें सीएम होंगे। झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं। झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक नया राज्य बना था।

झारखंड विधानसभा में किस पार्टी के कितने विधायक

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 हो गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। आपको बता दें कि झामुमो के दो विधायक- नलिन सोरेन और जोबा माझी, अब सांसद हैं, वहीं जामा से विधायक सीता सोरेन ने बीजेपी के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निकाल दिया गया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है।

ऐसे ही, विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 24 हो गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है। हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं सौंपा है। झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं।

3 नेताओं के नाम 3 दिन सीएम रहने का रिकॉर्ड

आपको बता दें कि हरीश रावत (Harish Rawat) का रिकॉर्ड एक दिन सीएम रहने का है, वहीं देवेंद्र फड़नवीस, बी.एस. येदियुरप्पा और जगदंबिका पाल के नाम तीन दिन सीएम रहने का रिकॉर्ड है। उत्तर प्रदेश में 21 फरवरी 1998 को राज्यपाल ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर जगदंबिका पाल को सीएम के रूप में शपथ दिलाई थी। लेकिन अगले ही दिन गवर्नर के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई थी। हाई कोर्ट ने गवर्नर के आदेश को पलट दिया। जगदंबिका पाल बहुमत साबित नहीं कर पाए। फिर उन्हें कुर्सी कुर्सी से हटना पड़ा। उन्हें वन डे वंडर ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स भी कहा जाता है। 23 फरवरी को दोबारा कल्याण सिंह को सत्ता सौंप दी गई।

सतीश प्रसाद सिंह 5 दिनों के लिए रहे सीएम

उत्तर प्रदेश के सीएम जगदंबिका पाल के अलावा कुछ और सीएम काफी दिनों तक अपने पद पर रहे। बिहार में सतीश प्रसाद सिंह ने 28 जनवरी 1968 को सीएम के रूप में शपथ ली। लेकिन उन्हें पांच दिन बाद यानी 1 फरवरी को अपने पद से त्यागपत्र दे देना पड़ा। बिहार के मुख्यमंत्री पद पर बैठने वाले पिछड़ी जाति के वो पहले नेता थे।