उद्भव त्रिपाठी, ख़बरीमीडिया
Farmers Protest News: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सैकड़ों की संख्या में किसान धरना स्थल पर इकट्ठा हुए और किसान सभा के संरक्षक जगदीश नंबरदार ने स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहरा कर झंडे को सलामी दी और राष्ट्रगान गाया। स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के लिए नारे लगाए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मिठाई बांटकर स्वतंत्रता दिवस मनाया।
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर धरने की अध्यक्षता जगदीश नंबरदार ने की एवं संचालन सतीश यादव ने किया। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के प्रवक्ता डॉक्टर रूपेश वर्मा ने कहा कि हमारे देश को स्वतंत्र हुए 76 वर्ष हो गए हैं आजादी मिलने के बाद हमें संविधान मिला जिसमें हमें बुनियादी अधिकार मिले हैं।
उन बुनियादी अधिकारों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण अधिकार है जिसका इस्तेमाल हम अपनी मांगों के लिए यहां पर धरने के रूप में कर रहे हैं। इस मौके पर संयोजक वीर सिंह नागर ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि देश में मजदूरों और किसानों के हालात अच्छे नहीं है किसानों को उनकी फसल का दाम नहीं मिलता और जहां कहीं शहर के आसपास किसानो की जमीन है उन्हें सरकार कोडियों में छीन कर पूंजीपतियों बिल्डरों को नीलाम कर देती है जिससे किसान ठगा हुआ महसूस करते हैं उनका रोजगार भी चला जाता है जबकि प्राधिकरण के कर्मचारी, अफसर बिल्डर और पूंजीपति उन्हीं जमीनों से मुनाफा कमाकर मालामाल हो जाते हैं।
भारत के संविधान में अपनी आस्था रखें- किसान नेता निशांत
किसान सभा के नेता निशांत रावल ने कहा कि देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है कि हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के विचारों से प्रेरणा लें और भारत के संविधान में अपनी आस्था रखें अपने सियासी फायदे के लिए सत्ताधारी पार्टी धर्म का इस्तेमाल करती है जिससे लोगों के बीच नफरत पनपती है और उसी के नतीजे में नूहू जैसी घटनाएं घटती हैं हमें देश के अंदर संविधान में समाहित लोकतांत्रिक मूल्यों को लोगों के बीच प्रचारित करने की आवश्यकता है जिससे लोगों के बीच धार्मिक भावनाओं का गलत इस्तेमाल कोई सियासी पार्टी नहीं कर सके।
धरने को संबोधित करते हुए सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि किसानों की वाजिब समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन रात दिन चल रहा है आज रात दिन के धरने को पूरे 3 महीने हो गए हैं जबकि आंदोलन को पूरे 7 महीने हो चुके हैं किसानों की मुख्य समस्याएं अभी भी वैसे की वैसी ही है।
प्राधिकरण के अधिकारी किसानों की मुख्य चार समस्याओं 10% आबादी प्लाट, भूमिहीनों के 40 वर्ग मीटर के प्लाट, रोजगार की नीति और नए कानून को लागू करने, को हल करने के लिए समय की मांग करते रहते हैं इससे किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है आंदोलन उग्र होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्राधिकरण एवं सरकार की होगी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर धरने पर उपस्थित सैकड़ो किसानों को सूबेदार ब्रह्मपाल, हरेंद्र खारी, संजय नागर, निरंकार प्रधान, मोहित यादव, सुरेंद्र यादव, सुरेश यादव, यतेंद्र मैनेजर, शेखर प्रजापति, महेश प्रजापति, ओमवीर त्यागी, मोनू नागर, अमित भाटी, मोहित भाटी, सुशांत भाटी प्रशांत भाटी बाबा संतराम, बाबा नेतराम, जगबीर नंबरदार, अजय पाल भाटी,सुरेंद्र भाटी, उदय नागर, संदीप भाटी, पूनम भाटी, जोगेंद्ररी, तिलक देवी, गीता भाटी, प्रेमवती ने संबोधित किया।