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Haryana सरकार का बड़ा कदम, सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उबारने के लिए बनेगी समन्वय समिति

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Haryana सरकार राज्य की सहकारी चीनी मिलों को घाटे से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठा रही है।

Haryana News: सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार (Haryana Government) राज्य की सहकारी चीनी मिलों (Sugar Mills) को घाटे से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठा रही है। सरकार ने मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए एक प्रदेश स्तरीय समन्वय समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस समिति में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ तकनीकी विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा, जो मिलों की कार्यप्रणाली का गहन विश्लेषण करेंगे और सुधार संबंधी सुझाव देंगे।

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पुराने गन्ना किसानों की वापसी से मिला बड़ा संकेत

सहकारी चीनी मिलों और जिला कारागार मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा (Minister Dr. Arvind Sharma) ने हाल ही में रोहतक जिले के भाली आनंदपुर स्थित चीनी मिल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सीएम नायब सैनी के मार्गदर्शन में पुराने गन्ना किसानों को वापस लाने की अपील का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। इस बार पिछले सत्र की तुलना में 36 लाख क्विंटल गन्ना अधिक पेराई के लिए उपलब्ध हुआ है, जिससे पेराई सत्र की अवधि बढ़ने की संभावना है। यह उपलब्धि सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

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प्रदेश स्तरीय समन्वय समिति का गठन जल्द

मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा (Minister Dr. Arvind Sharma) ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के दृष्टिकोण को मजबूती देने के लिए प्रदेश स्तर पर एक समन्वय समिति का गठन किया जा रहा है। इस समिति में प्रशासनिक अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ दोनों शामिल होंगे। यह समिति सहकारी चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को लगातार बेहतर बनाने पर फोकस करेगी।

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अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई

समिति नियमित एवं औचक निरीक्षण करेगी तथा मिलों की भौगोलिक परिस्थितियों एवं अन्य कारकों की गहन पड़ताल कर वित्तीय सुधार के लिए ठोस सुझाव देगी। साथ ही, निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करेगी। यह कदम मुख्यमंत्री नायब सैनी की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है, जिसके तहत पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है।

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सीएम नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) के कुशल नेतृत्व में हरियाणा की सहकारी चीनी मिलें न केवल घाटे से उबरने की ओर अग्रसर हैं, बल्कि प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए नई उम्मीद और मजबूत सहारा भी बन रही हैं। यह योजना सहकारी क्षेत्र को नई दिशा देने वाली दूरदर्शी पहल है।