Guru Vakri: देवगुरु बृहस्पति हुए वक्री, इस राशि के जातकों पर बरसेगी कृपा
Guru Vakri: बृहस्पति देव को ज्योतिष में ज्ञान संतान और धन का कारक ग्रह माना जाता है। जिसकी कुंडली में बृहस्पति की दशा ठीक होती है अथवा हंस महापुरुष राजयोग (Hans Mahapurush Rajyoga) बनता हो, ऐसा जातक को जीवन में खूब सफलता मिलती है। बृहस्पति जब वक्री होते हैं तो ज्ञान संतान और धन संबंधित सभी मामलों में उतार-चढ़ाव पैदा करते हैं और मार्गी (Guru margi) होने तक उन परिस्थितियों को उलझा कर निष्कर्ष भी निकालते हैं। आपको बता दें कि गुरु 09 अक्तूबर को सुबह 10 बजे बुधदेव के स्वामित्व वाली राशि मिथुन में वक्री हो गए हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरु ग्रह शनि और राहु के बाद सबसे लंबे समय तक किसी एक राशि में स्थिर रहेंगे।
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गुरु लगभग 13 महीनों तक एक राशि में रहने के बाद दूसरी राशि में गोचर करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में ग्रह अपनी चाल, स्थिति में समय-समय पर बदलाव करते हैं, इसके साथ ही ये वक्री, मार्गी, अस्त और उदय भी होते हैं। ग्रहों की चाल में बदलाव होने से सभी राशियों के कुछ न कुछ असर दिखाई देता है। देवगुरु अब मिथुन राशि में वक्री हो गए हैं। बता दें कि बृहस्पति 3 जून 2024 को वृषभ राशि में वक्री हुए थे और अब एक बार फिर से मिथुन राशि में वक्री हुए हैं। अब गुरु अगले साल यानी 4 फरवरी 2025 को मिथुन राशि मार्गी होंगे। देवगुरु के मिथुन राशि में वक्री होने कुछ राशि वालों के जातकों को खूब लाभ होगा। आइए विस्तार से जानते हैं…
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मकर राशि
बृहस्तपति का वक्री होना मकर राशि (Capricorn) के जातकों को लाभ ही लाभ होगा। गुरु आपकी राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी होकर छठे भाव में वक्री हुए हैं। ऐसे में आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा और अचानक से धन लाभ के योग बने हुए हैं। आपको पैतृक संपंति से संबंधित मामलों में सफलता मिल सकती है। नौकरी में मान-सम्मान और प्रमोशन के योग भी हैं।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि (Gemini) के जातकों के लिए गुरु का वक्री होना किसी वरदान से कम नहीं है। इस राशि के लोगों को गुरु का वक्री होना शुभ फल देने वाला साबित हो सकता है। गुरु के वक्री होने से आपकी सफलता के दायरा भी बढ़ जाएगा। कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता मिलने के योग बन रहे हैं। भाग्य का भरपूर साथ आपको मिलता दिखाई देगा। धन लाभ के मौकों में भी वृद्धि और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। जो लोग नौकरीपेशा है उनके लिए आने वाला समय बहुत ही लाभ होगा। करियर में सफलता प्राप्त करने के अच्छे योग बन रहे हैं। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा और अचानक से धन-संपत्ति की प्राप्ति के सुखद योग बनेंगे।
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए कुंडली के ग्यारहवें भाव में गुरु का वक्री होना बहुत ही लाभकारी साबित होगा। कुंडली का 11वां भाव आय, लाभ और इच्छापूर्ति का होता है। ऐसे में यहां पर गुरु का शुभ प्रभाव पड़ने के कारण से आपके जीवन में अचानक से धन-दौलत और संपत्ति में बढ़ोतरी के योग हैं। आपको भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा जिससे आपके धन-संपदा, संतान और सुखों में बहुत बढ़ोत्तरी होगी। आपके अधूरे पड़े काम भी जल्द पूरे होंगे। जो लोग नौकरीपेशा हैं उन्हें प्रमोशन, व्यापार में उन्नति और करियर में अच्छी सफलता मिलेगी।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए भी गुरु का वक्री होना बेहतर साबित होगा। आपकी राशि में गुरु छठे भाव में वक्री हुए हैं। ऐसे में आपको अचानक से धन लाभ होगा। करियर और नौकरी में उच्च स्थान की प्राप्ति संभव है। नए-नए मौके मिलेंगे। आपको अचानक से धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। परिवार में कोई शुभ सूचना आपको मिल सकती है। साथ ही कुछ इच्छाओं की पूर्ति होने से आपके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव भी आ सकता है।