सच-झूठ का फैसला मीडिया को नहीं, बल्कि कानून को करना है
Greater Noida अनिरुद्ध कुमार रंगा..56 साल के बुजुर्ग..जो आज जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। 21 अक्टूबर 2024 यही वो मनहूस दिन था जब ब्रेन हेमरेज की वजह से पैरालाइज्ड अनिरुद्ध कुमार रंगा की बची जिंदगी भी Medical Negligence की वजह दर्द सहने को मजबूर हो गई। ये आरोप है ग्रेटर नोएडा स्थित Physiatry center Mission Walk पर और आरोप लगाने वाले खुद अनिरुद्ध कुमार रंगा के डॉक्टर बेटे अभिषेक रंगा ने।
पूरा मामला क्या है आईए आपको समझाते हैं?
दिल्ली निवासी अनिरुद्ध कुमार रंग को साल 2022 में ब्रेन हेमरेज हुआ। जिसकी वजह से उनका दाहिना हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया। परिवार पर मानो दुख का पहाड़ टूट पड़ा। डॉक्टर अभिषेक रंगा ने पिता के लिए अपनी डॉक्टरी जैसे प्रोफेशन से ब्रेक ले लिया ताकि पिताजी का ध्यान रख सके।
पूरे परिवार ने एक साल की कड़ी मेहनत, ट्रीटमेंट की बदौलत पीड़ित अनिरुद्ध रंगा का लेफ्ट साइड वाला हिस्से ने थोड़ा थोड़ा काम करना शुरू कर दिया। रंगा परिवार को थोड़ी शांति महसूस हुई। सबसे ज्यादा खुशी बेटे अभिषेक रंगा को हुई। उन्हें ये यकीन था कि उनके पिताजी का दाहिना वाला हिस्सा भी ठीक हो जाएगा और जल्द वो चलने फिरने लगेंगे। इसलिए डॉक्टर अभिषेक रंगा ने पिताजी की जल्द रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी के लिए ग्रेटर नोएडा के Mission Walk सेंटर को कंसल्ट किया।
डॉ. अभिषेक के मुताबिक मिशन वॉक के डायरेक्टर डॉ रवि बाधवा ने उन्हें ये भरोसा दिया कि फिजियोथेरेपी की बदौलत उनके पिताजी को जल्द आराम मिलेगा। दिल्ली से ग्रेटर नोएडा आना-जाना संभव नहीं था इसलिए डॉक्टर अभिषेक रंगा परिवार समेत डॉ. रवि के फिजियो सेंटर के ऊपर के फ्लोर पर ही शिफ्ट हो गए। अनिरुद्ध रंगा की फिजियो शुरू हो गई।
डॉ. अभिषेक रंगा का आरोप है कि एक दिन फिजियोथेरेपी के दौरान ही अनिरुद्ध रंगा को तेज दर्ज हुआ। अभिषेक का ये भी आरोप है कि गलत फिजियोथेरेपी की वजह से उनके पिताजी के उस पैर की हड्डी टूट गई जिससे वो चल फिर पा रहे थे। दर्द ज्यादा हो रहा था। डॉ. अभिषेक फौरन अपने पिताजी को ग्रेटर नोएडा के मैक्स हॉस्पिटल ले गए। जहां तमाम तरह के टेस्ट हुए। इस दौरान जो बातें निकलकर सामने आई उसके मुताबिक गलत फिजियोथेरेपी की वजह से उनके पिताजी की हड्डी फ्रैक्चर हुई जिसकी वजह से अनिरुद्ध रंगा एक बार फिर से बिस्तर पर आ गए। अभिषेक रंगा ने मिशन वॉक के डायरेक्टर रवि बाधवा से Medical Negligence के लिए हर्जाना भी मांगा।
यहां एक और बड़ा सवाल है..डॉ अभिषेक के मुताबिक अगर उनके पिताजी के पैर की हड्डी पहले से फ्रैक्चर थी तो वो व्हीलचेयर पर बैठकर उनके सेंटर कैसे पहुंच सकते हैं। कैसे 15 मिनट तक उनकी फिजियोथेरेपी हुई और उसके बाद उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। क्योंकि बच्चा हो या बुजुर्ग किसी भी एक्सीडेंट की वजह से उसके पैर की हड्डी फ्रैक्चर होती है तो समझ लीजिए उसका बुरा हाल होना तय है।
खबरी मीडिया की टीम ने मिशन वॉक के डायरेक्टर डॉ. रवि से बात की। डॉ. रवि का कहना है कि हम पेंशेंट का पूरा ख्याल रखते हैं। कभी भी सेंटर या फिर फिजियोथेरेपी को लेकर कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई है। इस बीच डॉ. रवि ने एक और बात बताई। डॉ. रवि का आरोप है कि फिजियो करवाने नीचे आने से पहले ही अनिरुद्ध रंगा की पैर की हड्डी फ्रैक्चर हो चुकी थी। उसके बाद ही वो फिजियो के लिए आए क्योंकि उस दिन वो अपनी सेशन टाइमिंग से 45 मिनट लेट थे। डॉ. रवि बाधवा के मुताबिक उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
बहरहाल गलती किसकी है..इसके लिए जिम्मेदार कौन है इसका पता करना कानून का काम है। लेकिन एक बुजुर्ग जिनके जीने की उम्मीद शुरू हुई थी। जिनके डॉक्टर बेटे ने पिताजी को ठीक करने के लिए अपना पूरा करियर दांव पर लगा दिया वो किसी फिजियोथेरेपी सेंटर के खिलाफ साजिश करे..ये फिलहाल समझ से बाहर है।
Disclaimer( दोनों पक्षों से बात करने के बाद रिपोर्ट पर आधारित खबर)