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Greater Noida West: इस सोसायटी के मंदिर पर बवाल का सच क्या?

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Greater Noida West: सीआरसी सब्लिमिस सोसायटी में मंदिर को लेकर बड़ा विवाद..विवाद के पीछे AOA की कुर्सी की जंग की बात भी सामने आ रही है।
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ग्रेटर नोएडा, सीआरसी सब्लिमिस सोसायटी सेक्टर 1 में पिछले कुछ दिनों से मंदिर को लेकर बवाल जारी है। अब एक नया विवाद सामने आया है जो अब धार्मिक भावनाओं के साथ जुड़कर गंभीर होता जा रहा है। स्थानीय निवासियों के मुताबिक विवाद की जड़ सोसाइटी के पंचमुखी हनुमान मंदिर को लेकर है, जिसे कुछ निवासियों ने परिसर में स्थापित किया था। इस विवाद ने AOA (Apartment Owners Association) की कुर्सी के लिए चल रही राजनीतिक खींचतान को और बढ़ा दिया है।

AOA की कुर्सी के लिए संघर्ष की शुरुआत!

स्थानीय लोगों का कहना है कि सोसाइटी में निवासियों को घर मिलने के तुरंत बाद ही AOA की कुर्सी के लिए संघर्ष शुरू हो गया। बिना किसी आधिकारिक चुनाव या बिल्डर की अनुमति के, कुछ सदस्यों ने खुद को टॉवर रिप्रेजेंटेटिव (TR) नियुक्त कर लिया। निवासियों के बीच इस राजनीतिक खींचतान ने धीरे-धीरे एक धार्मिक विवाद का रूप ले लिया।

मंदिर की स्थापना और धार्मिक विवाद की शुरुआत?

मिली जानकारी के मुताबिक सोसाइटी के लगभग 400-500 फ्लैट मालिकों ने एक आम सहमति बनाकर पंचमुखी हनुमान मंदिर की स्थापना की और बिल्डर को इस संबंध में 500 से अधिक हस्ताक्षरों के साथ एक पत्र प्रस्तुत किया। लेकिन यह कदम सोसाइटी के कुछ TR और युवा नेताओं को नागवार गुज़रा। उन्होंने मंदिर को हटाने के लिए सभी संभव तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जिससे सोसाइटी में तनाव बढ़ता चला गया।

मुखिया परिवार (बदला हुआ नाम) का विवाद में प्रवेश

आरोप है कि मंदिर को हटाने के लिए TR ने नया रास्ता अपनाया और सोसाइटी में हाल ही में आए एक परिवार, मुखिया परिवार( बदला हुआ नाम) का सहारा लिया। TR और उनके समर्थकों ने मुखिया परिवार को मंदिर के खिलाफ भड़काया, जिसके बाद उसने सोशल मीडिया के माध्यम से निवासियों को उकसाना शुरू कर दिया।

नवरात्रि के दौरान विवाद और पुलिस हस्तक्षेप

स्थानीय निवासियों के मुताबिक नवरात्रि के दौरान, मंदिर समिति ने माता की चौकी का आयोजन किया। कार्यक्रम के बीच मुखिया परिवार ने विवाद खड़ा कर दिया और पुलिस को बुला लिया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद, उन्होंने सभी को धमकी दी कि वह मंदिर को हटवाने की पूरी कोशिश करेंगे। इस विवाद के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई ताकि भविष्य में मुखिया परिवार किसी के साथ दुर्व्यवहार न कर सके।

सीआरसी सब्लिमिस में सोशल मीडिया पर हंगामा

शांति का माहौल कुछ समय तक बना रहा, लेकिन 12 अक्टूबर को फिर से मुखिया परिवार और उसके सहयोगियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिप साझा की। इस वीडियो में पुलिस पर मंदिर और RSS के खिलाफ बोलने के कारण जबरन समझौता करवाने का आरोप लगाया गया। इस घटना ने सोसाइटी में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।

धार्मिक और सामाजिक मूल्यों पर सवाल

यह विवाद धार्मिक और सामाजिक मूल्यों पर भी सवाल खड़े कर रहा है। निवासियों का कहना है कि TR और कुछ नेता मंदिर के मुद्दे का इस्तेमाल AOA की कुर्सी के लिए अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। “क्या नेता बनने की होड़ में लोग भगवान को भी राजनीति में खींच रहे हैं?” निवासियों के इस सवाल ने विवाद को और गहरा कर दिया है।

मंदिर का स्थान बदलने की योजना पर उठे सवाल

मंदिर को लेकर विवाद का एक और पहलू उसके स्थानांतरण से जुड़ा है। कुछ निवासियों का आरोप है कि Cultural Committee और TR मंदिर को वॉशरूम की दीवार के पास स्थानांतरित करने की योजना बना रहे हैं, जो धार्मिक और सामाजिक रूप से अनुचित है। निवासियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे इस फैसले का विरोध करेंगे और इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान मानते हैं।

निवासियों की मांग: स्पष्टता और न्याय

सोसाइटी के निवासियों ने सभी संबंधित पक्षों से जवाबदेही की मांग की है। वे चाहते हैं कि TR और Cultural Committee स्पष्ट करें कि मंदिर को हटाने या स्थानांतरित करने के पीछे की मंशा क्या है। इस बीच, मामला कोर्ट और पुलिस के दरवाजे तक पहुँच चुका है, जहाँ सभी निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।

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निवासियों की उम्मीद है कि इस विवाद का समाधान जल्द से जल्द निकलेगा, ताकि धार्मिक और सामाजिक समरसता कायम रह सके। मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह विवाद अब केवल सोसाइटी की चार दीवारों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि धार्मिक और सामुदायिक मूल्यों पर भी प्रभाव डाल रहा है।

Disclaimer- ख़बरी मीडिया को भेजे गए पत्र पर आधारित..ख़बरी मीडिया ख़बर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।