ग्रेटर नोएडा में लोकल बस सेवा में तेजी से यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी थोड़ी आसान हो गई है। पहले एक जगह से दूसरी जगह जाना मुश्किल हो जाता था. वहीं लोकल बस सेवा की शुरुआत होते ही अब लोग आसानी से शहर में कहीं भी जा सकते हैं. लोकल बस सेवा का लाभ ग्रेटर नोएडा और आसपास के निवासियों को अब मिल रहा है. यही वजह है कि इन बसों में सफर करने वाले यात्री बढ़ रहे हैं. इससे पहले बसों के चलने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को घाटा हो रहा था. जिसके बादल 17 जून से इन बसों के दायरे को बढ़ाया गया है. साथ ही बसों को दादरी और नोएडा से भी जोड़ा गया है. यही वजह है कि यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है और इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से रोडवेज को दी जाने वाली वायबिलिटी गैप फंड की धनराशि भी कम हो रही है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए लोकल बस सेवा बीते छह जनवरी से शुरू की गई है, इन बसों का संचालन करने पर होने वाले घाटे की भरपाई ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रहा है. हर महीने बसों के संचालन पर औसतन 30 लाख रुपये का खर्च हो रहा है लेकिन इस हिसाब से बसों से आमदनी नहीं हो रही थी. इसलिए टिकट से होने वाली आमदनी की कटौती करने के बाद जो भी पैसे बच रहे थे, उसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हर महीने रोडवेज को दे रहा है. फिलहाल लोकल बसें ग्रेटर नोएडा के पांच रूटों पर चल रही हैं.
कुछ बसों को दादरी और नोएडा के सेक्टर 37 से जोड़ दिया गया, इससे लोकल बस सेवा में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई. इससे टिकटों से होने वाली आमदनी भी बढ़ गई.
18 दिन में हुई 2.66 लाख की हुई आमदनी
प्राधिकरण के ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी महीने में टिकटों से 20 हजार रुपये की आमदनी हुई थी और मई महीने में टिकटों से 1.94 लाख रुपये मिले, जबकि 17 जून से नोएडा और दादरी को जोड़ते हुए बसें चलने लगीं तो 17 जून से 04 जुलाई के बीच के 18 दिनों में ही यात्री टिकटों से आमदनी बढ़कर 2.66 लाख रुपये हो गई।