Noida News: ग्रेटर नोएडा के किसानों का आंदोलन को सरकार ने मान लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने किसानों (Farmers) को सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा (Compensation) पाने वाले किसानों को 10 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड (Population Plot) देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। पढ़िए पूरी खबर…
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आपको बता दें कि लंबे वर्षों से चली आ रही किसानों की बड़ी मांग पूरी हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड (Greater Noida Authority Board) ने किसानों सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेशों पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा पाने वाले किसानों को 10 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड देने का प्रस्ताव पास कर दिया है। अब इसे शासन को भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद इसे लागू किया जाएगा।
जानिए क्या है पूरा मामला?
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण के बदले किसानों (Farmers) को मुख्य रूप से 2 फायदे देता है। प्राधिकरण की प्रचलित दरों के आधार पर मुआवजा दिया जाता है। भविष्य में आबादी विस्तार करने के लिए 7 प्रतिशत आवासीय भूखंड दिया जाता है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) के बीच पतवाड़ी, बिसरख, मिलक लच्छी, सैनी, सुनपुरा और वेदपुरा जैसे गांवों में साल 2007 लेकर साल 2009 तक भूमि अधिग्रहण किया गया था।
इन गांवों के किसानों ने व्यापक आंदोलन शुरू किया है। किसानों ने ज्यादा मुआवजा और लाभ की मांग की थी। लंबे किसान आंदोलन और अदालती लड़ाई के बाद अक्टूबर 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाया था। जिसमें कहा गया था कि किसानों को 7 प्रतिशत की बजाय 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड का आवंटन किया जाए। प्रचलित मुआवजा दरों पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान किया जाए।
बोर्ड ने इस प्रस्ताव को शासन को भेजने के निर्देश दिए
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार (NG Ravi Kumar) की तरफ से चेयरमैन मनोज कुमार सिंह के समक्ष इस प्रस्ताव को रखा गया। चेयरमैन ने इसे स्वीकार कर लिया। अब इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। वहां से अनुमति के बाद किसानों को अधिग्रहित जमीन का 10 प्रतिशत यानी अधिकतम 2500 वर्ग मीटर मिल सकेगा। इससे लंबे समय से किसानों की लंबित मांग पूरी हो जाएगी। पात्र किसानों को आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे।
विकसित भूखंड (Developed Land) का आवंटन शीघ्र भूमि अर्जित कर दिया जाएगा। अगर किसी पात्र किसान ने अवैध कब्जा कर रखा है तो उसे स्वेच्छा से अवैध कब्जा हटा लेने के बाद ही भूमि का आवंटन किया जाएगा। किसानों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके पास आरक्षित या आवंटित भूखंड 2500 वर्ग मीटर से अधिक नहीं है। किसान की तरफ से अगर कोई याचिका या फिर विशेष अनुज्ञा अपील की गई है तो उसे वापस लिया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार मिलेगा लाभ
किसानों की दूसरी मांग पर प्राधिकरण बोर्ड (Authority Board) ने आपसी सहमति से भूमि विक्रय करने वाले किसानों को नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार लाभ दिए जाने पर सकारात्मक फैसले के लिए शासन के पास भेजने पर हरी झंडी दे दी है। प्राधिकरण बोर्ड ने वेंडिंग जोन में किसानों को 33 प्रतिशत आरक्षण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। बोर्ड ने लीज बैक के 533 में से शासन से अनुमोदित 296 पात्र किसानों को लीज बैक करने के प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। जल्द ही पात्र किसान लीज बैक करा सकेंगे।