200 करोड़ की ड्रग्स और 100 करोड़ का कच्चा माल..सुनकर हर कोई हैरान है कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में इतना बड़ा सिंडिकेट चलाया जा रहा था और किसी को कानोंकान ख़बर तक नहीं हुई। और इसे ग्रेटर नोएडा के जैतपुर में बने एक घर में अंजाम दिया जा रहा था। और इसे मुकाम तक पहुंचा रहे थे अफ्रीकी मूल के ये 9 आरोपी।
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क्राइम ब्रांच की टीम और पुलिस ने बुधवार 18 मई को 9 अफ्रीकी नागरिकों को ड्रग्स की बड़ी खेप के साथ रंगे हाथ पकड़ा है. बरामद हुई ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में लगभग 200 करोड़ रुपये आंकी गई है. साथ ही ड्रग्स बनाने का कच्चा माल भी बरामद हुआ है. उसकी कीमत भी 100 करोड़ के करीब है. बरामद ड्रग्स ख़तरनाक MDMA है। बताया जा रहा कि नोएडा में एक फैक्ट्री पर मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने सूरजपुर में छापा मारा है।
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दिल्ली एनसीआर में ड्रग्स की सप्लाई ग्रेटर नोएडा के जैतपुर में किराये पर रहने वाले विदेशी नागरिक कर रहे थे। थीटा-2 सेक्टर में एक इंजीनियर के मकान को 20 हजार रुपये प्रति महीने के किराये पर लेकर अफ्रीकी मूल के लोग ड्रग्स की फैक्ट्री चला रहे थे। पुलिस ने अफ्रीकी मूल के इन नौ नागरिकों को गिरफ्तार कर फैक्ट्री से ड्रग्स का जखीरा बरामद किया है। इस ड्रग्स को दिल्ली-एनसीआर के अलावा नेपाल और बांग्लादेश समेत कई देशों में तस्करी के लिए भेजा जाता था। पकड़े गए अफ्रीकी मूल के कई नागरिकों का वीजा खत्म हो चुका है। पुलिस के मुताबिक, अफ्रीकी मूल के नागरिकों का नेटवर्क काफी बड़ा है। इनसे सैकड़ों की संख्या में लोग जुड़े हैं। इस चेन को तोड़ने के लिए पुलिस जुट गई है।
डायरी से खुलेंगे राज
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि ड्रग्स फैक्ट्री को लेकर सूचना मिली थी। इसके बाद सूरजपुर एरिया में थीटा 2 स्थित मकान नंबर 279 पर स्वाट टीम, बीटा -2, सूरजपुर और दादरी प्रभारी की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की। इस मकान में ड्रग्स की फैक्ट्री चल रही थी। वहां से फैक्ट्री चलाने वाले अफ्रीकी मूल के 9 नागरिकों को गिरफ्तार किया गया।
मकान से 40 किलो मैथाफीटामाइन एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 200 करोड़ आंकी गई है। इसके अलावा मादक पदार्थ बनाने का सामान बरामद हुआ है, जिससे 100 करोड़ की सिंथेटिक ड्रग्स बनाने का काम चल रहा था। इससे अलग एक कार और चार मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। मकान से तीन डायरी भी बरामद हुई हैं, जिसमें तमाम लेखा-जोखा और समान कहां सप्लाई होता था और कहां से आता था। इस सेलर डायरी में 200 से अधिक मोबाइल नंबर भी लिखे मिले हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में डायरी कारगर होगी।
मकान के अंदर बनाई थी लैब
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अफ्रीकी मूल के नागरिकों ने मकान में ड्रग्स बनाने के लिए लैब बनाई थी। तमाम तरह के केमिकल और जार के माध्यम से ड्रग्स तैयार की जा रही थी। लैब के अंदर से 22 किलो 275 ग्राम एमडीएमए सफेद पाउडर, 11 किलो 575 ग्राम एमडीएमए सुखा हुआ, 3 किलो ब्राउन मैथ एमडीएमए क्रिस्टल समेत तमाम उपकरण और बनाने का सामान बरामद हुआ है।