ग्रेटर नोएडा में लुभावने ऑफर देकर ग्राहकों को फ्लैट बेचने वाले बिल्डरों पर नकेल कसे जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब बिल्डर से आर-पार के मोड में आ गया है। और फ्लैट खरीदारों के हित में फैसला लिया है। यही वजह है कि ग्रेटर नोएडा में 14,500 करोड़ रुपए की वसूली के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने 107 बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। इसके बाद अब आवंटन निरस्त करने की तैयारी है। बकाया नहीं जमा होने से फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। वहीं प्राधिकरण ने इस हफ्ते बकाएदार बिल्डरों का डेटा भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का भी फैसला लिया है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फ्लैट खरीदारों को राहत दिलाने की कोशिश कर रहा है। बिल्डर और खरीदारों के साथ प्राधिकरण बैठक भी कर चुका है, ताकि रास्ता निकाला जा सके। आंकड़े के मुताबिक प्राधिकरण क्षेत्र में 197 बिल्डर परियोजनाएं है इसमें से 135 पर करीब 14500 करोड़ रुपए बकाया है। इसी बकाया वसूली के लिए 107 बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया है। इन पर करीब 5600 करोड़ रुपए बकाया है।
प्राधिकरण का कहना है कि अगर पैसा नहीं जमा किया जाता है तो इनका आवंटन रद्द किया जा सकता है। बिल्डरों द्वारा बकाया नहीं जमा करने का खामियाजा फ्लैट खरीदारों को उठाना पड़ रहा है। करीब एक लाख फ्लैट खरीदार इसकी जद में हैं। इनमें से काफी खरीदारों को फ्लैट मिल गए हैं, लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। उनको मालिकाना हक नहीं मिला है। इसके चलते खरीदार परेशान हैं। रजिस्ट्री नहीं होने के पीछे तर्क यह है कि प्राधिकरण का बकाया नहीं देने से कम्पलीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा है। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कई बिल्डर एनसीएलटी में चले गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र की 21 बिल्डर परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। इनकी सुनवाई चल रही है। ऐसे में प्राधिकरण ने बकाया नहीं जमा करने वालों का आवंटन निरस्त करने के लिए कहा है। आवंटन निरस्त करके उसकी योजना निकालने के भी आदेश दिए हैं।