Greater Noida प्राधिकरण सावधान! कल जुटने वाले हैं 55 गांवों के किसान

दिल्ली NCR
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Jyoti Shinde,Editor

पिछले दो महीने से अपनी जायज़ मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण(Greater Noida Authority) में धरना दे रहे किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। किसान अब आर-पार के मोड में आ गए हैं। कल यानी 18 जुलाई को 55 से ज्यादा गांव के किसानों ने एक बार फिर खोदना खुर्द में हुई बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर हल्लाबोल का फैसला लिया है।

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ख़बरीमीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान महासभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच 26 जून को एक समझौता किया था जिसमें किसानों की मांगों को लेकर 30 जून तक एक हाई पावर कमेटी बनाए जाने की बात कही गई थी। ये भी कहा गया था कमेटी 15 जुलाई तक किसानों के मुख्य मुद्दों पर फैसला करेगी। लेकिन 5 जुलाई को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने हाईपावर कमेटी बनाने से इंकार कर दिया। डॉ. रुपेश वर्मा के मुताबिक हज़ारों किसानों के साथ वादाख़िलाफी की गई है ऐसे में सिवाए आंदोलन के उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

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क्या है किसानों की प्रमुख मांगें ?

किसानों की मांगे इस प्रकार हैं:

* वंचित किसानों को तुरंत 10 प्रतिशत आबादी प्लॉट दिया जाए

* सर्किल रेट का 4 गुना मुआवज़ा, 24000 रुपये प्रति वर्ग मीटर, घोषित किया जाए

* आबादी के मामलों का निस्तारण करते हुए बैकलीज़ कराई जाए

* आवासीय योजनाओं में किसानों का दोनों तरह का कोटा बहाल किया जाए, रोज़गार नीति लागू कर स्थानीय युवाओं को कंपनियों में रोज़गार तय किए जाएं

* किसानों और उनके परिवार के लिए निःशुल्क शिक्षा व चिकित्सा की सुविधा नीति लागू की जाए

* भूमिहीन परिवारों को 40 वर्ग मीटर आबादी के प्लॉट दिए जाएं।

वादाखिलाफी होने से किसानों में आक्रोश फैल गया है। इसको लेकर किसान सभा ने शुक्रवार को ग्राम कमेटियों की बैठक ग्राम साकीपुर में प्रमोद भाटी के फार्म हाउस पर बुलाई। अध्यक्षता संतराम भाटी और संचालन जगबीर नंबरदार ने की।इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की हुई। डॉ रूपेश वर्मा ने ने साफ कर दिया है कि शासन और प्राधिकरण अपने लिखित वादे से मुकरा है। इसका जवाब उन्हें देना होगा

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डॉ. प्रवेश वर्मा ने ख़बरी मीडिया को बताया कि आने वाली 18 जुलाई को हजारों किसान प्राधिकरण पर महापंचायत करेंगे। इस दौरान मध्यस्था करने वाले सांसद, प्राधिकरण और प्रशासन के पास मौका है कि वह लिखित समझौते का पालन करवाएं। सभा ने जिला स्तर पर आंदोलन के संबंध में अधिकारियों और प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए एक नई कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी हर फैसले को ग्राम को अवगत कराएगी। ग्राम कमेटियां अपने गांव में महापंचायत कर फैसले से सभी ग्राम वासियों को अवगत कराएंगी। बैठक में गंगेश्वर दत्त शर्मा, संजय नागर, जयवीर भाटी, सुरेंद्र यादव, प्रकाश प्रधान, अभय भाटी, शशांक भाटी, प्रशांत भाटी, मोहित नागर आदि मौजूद रहे।

‘किसानों के साथ अन्याय क्यों?’

किसान नेता रुपेश वर्मा ने प्राधिकरण अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि डेढ़ लाख से ज्यादा की आबादी भूमि अधिग्रहण से प्रभावित है। प्राधिकरण और शहर का अस्तित्व किसानों की जमीन पर निर्भर है। किसानों को रोजगार में, शिक्षा में, चिकित्सा में और तो और उनकी जमीन के बदले मिलने वाले हक हैं, उन से भी वंचित किया जाना उनके साथ में न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि घोर अन्याय भी है।

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