ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ग्राहकों को लुभावने ऑफर देकर फ्लैट बेचने वाले बिल्डरों की अब खैर नहीं। क्योंकि प्राधिकरण ने इन बिल्डरों से बकाया वसूलने के लिए नई रणनीति बनानी शुरू कर दी है। प्राधिकरण के मुताबिक 107 बिल्डरों में करीब 25 बिल्डर ऐसे हैं, जिनके प्रोजेक्ट्स में फ्लैट और प्लॉट नहीं बेचे गए हैं. ऐसे बिल्डरों का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। इसके लिए इन परियोजनाओं का लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है।
बकाया वसूली के लिए प्राधिकरण ने 107 परियोजनाओं के बिल्डरों को नोटिस जारी किया है। इन पर करीब 5600 करोड़ रुपए बकाया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फ्लैट खरीदारों को राहत दिलाने के लिए प्रयासरत है। रास्ता निकालने के लिए प्राधिकरण बिल्डर एवं खरीदारों के साथ बैठक कर चुका है। अब बिल्डरों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है।
प्राधिकरण ने इन बिल्डर परियोजनाओं में उनकी पहचान की है, जिसमें थर्ड पार्टी का हस्तक्षेप नहीं है। ताकि उन पर कार्रवाई करने में आसानी रहेगी। ऐसे बिल्डरों का आवंटन निरस्त किया जाएगा। ऐसे करीब 25 बिल्डर परियोजनाएं हैं, जिनमें थर्ड पार्टी नहीं है। अब इन पर कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई से पहले इन परियोजनाओं का ब्योरा तैयार किया जा रहा है। कानूनी राय भी ली जा रही है। ताकि प्रभावी कार्रवाई हो सके।
बिल्डरों द्वारा बकाया नहीं जमा से फ्लैट खरीदार परेशान हैं। करीब एक लाख फ्लैट खरीदार इसके दायरे में हैं। काफी खरीददारों को फ्लैट मिल गए हैं, लेकिन उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है। उनको मालिकाना हक नहीं मिला है। रजिस्ट्री नहीं होने के पीछे तर्क है कि बकाया नहीं मिलने से प्राधिकरण पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है। बिना पूर्णता प्रमाण पत्र के रजिस्ट्री नहीं होती है। इसके अलावा इसमें से बहुत सारी परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं।
आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते ग्रेटर नोएडा के कई बिल्डर एनसीएलटी में चले गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 21 बिल्डर परियोजनाएं एनसीएलटी में हैं। इन बिल्डर पर करीब 2500 करोड़ रुपये बकाया हैं। इनकी सुनवाई चल रही है। एनसीएलटी के फैसले के बाद ही इन पर आगामी कार्रवाई की जाएगी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बकायेदार बिल्डर की सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा।